0 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के लिये 8 लाख प्रधानमंत्री आवास मांगे एवं हॉस्टल में लगने वाले 12 पर्सेंट जीएसटी को खत्म करने पत्र लिखे हैं भाजपा सांसदों ने इस पर क्या पहल की?
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के 9 सांसदों को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात किये तो छत्तीसगढ़ के लिए क्या मांगे हैं? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्रदेश के लिए 8 लाख प्रधानमंत्री आवास की मांग की, प्रदेश के छात्र बेंगलुरु में जाकर पढ़ाई करते हैं तो उन्हें हॉस्टल में 12 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ता है उन्हें खत्म करने की मांग की क्या भाजपा के सांसदों ने मुख्यमंत्री के पत्र का समर्थन करते हुए प्रदेश के हित में इन मांगों के संदर्भ में प्रधानमंत्री से मांग की? मोदी सरकार छत्तीसगढ़ से 5 साल में विभिन्न मदो से लगभग चार लाख 61 हजार करोड रुपए की वसूली की है बदले में छत्तीसगढ़ को मात्र 1 लाख 96 हजार करोड रुपए ही दिये हैं उसमें से भी 55 हजार करोड रुपए राज्य को अभी केंद्र से लेना बाकी है क्या भाजपा सांसदों ने छत्तीसगढ़ की शेष राशि को देने की मांग किये हैं?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल की है। प्रदेश के शत प्रतिशत कर्मचारियों ने नई पेंशन स्कीम को त्याग कर पुरानी पेंशन स्कीम पर भरोसा किया है। मोदी सरकार के पास नई पेंशन स्कीम की 17240 करोड़ से अधिक की राशि कर्मचारियों की जमा है जिसे केंद्र सरकार राज्य को लौटा नहीं रही है क्या भाजपा के सांसद कर्मचारियों के हित में केंद्र के पास जमा राशि को तत्काल राज्य को लौटाने की मांग किए हैं?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बीते दो वर्ष में प्रदेश से होकर गुजरने वाली 6000 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है आज भी निरंतर चलने वाली कई ट्रेनें रद्द है जिससे प्रदेश की जनता को तकलीफ हो रहा है क्या भाजपा सांसदों ने प्रदेश में ट्रेनों को नियमित चलाने की मांग किए हैं? प्रदेश के उद्योगों को कोयला नहीं मिल रहा है क्या इन सभी संदर्भ में प्रधानमंत्री के आगे बातें रखी गई या हमेशा की तरह भाजपा के सांसद इस बार भी नरेंद्र मोदी के आगे मोनी बाबा बने बैठे थे और प्रदेश की जनता की चिंता को दरकिनार करके व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते चुनाव में टिकट कटने के भय से ग्रसित थे और मोदी सरकार के द्वारा प्रदेश के साथ की जा रही भेदभाव सौतेला व्यवहार पर मौन थे?