बालोद। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का शुभारंभ आज 14वीं वाहिनी मुख्यालय के इकाई स्वास्थ्य केंद्र में लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाकर किया गया। बता दें कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से हाेने वाला संक्रामक रोग है। इससे बचाव के लिए सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त में दवा दी जा रही है। एक पखवारा तक चलने वाला फाइलेरिया मुक्ति अभियान में कार्यक्रम की सफलता के लिए इकाई के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं डाक्टर को लगाया गया है जो दो वर्ष के ऊपर के सभी लोगों को दवा की खुराक दे रहे है। दो से पांच वर्ष के बच्चों को डीईसी एवं एल्बेडाजोल की एक-एक गोली, छह से चौदह साल के किशोर को डीईसी की दो तथा एल्बेडाजोल की एक गोली तथा15 साल के ऊपर के लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली की खुराक दी जा रही है। दो साल के कम उम्र के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलाई जाएगी।
इसके अलावा जो गंभीर बिमारी से पीड़ित हैं उन्हें भी दवा नहीं दी जाएगी। फाइलेरिया में पैरों हाथों में सुजन आ जाती है। जिसे हाथी पैर कहा जाता है। विश्व के 40 फीसद रोगी भारत में पाए गये हैं। इससे मुक्ति के लिए सरकार द्वारा मुफ्त में दवा दी जा रही है। उन्होंने फाइलेरिया से बचाव के लिए सोने के समय मच्छरदानी का प्रयोग करने एवं घर के आसपास साफ-सफाई रखने की आवश्यकता जताई है। घरों के इर्द-गिर्द गंदगी रहने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है। जिससे कई प्रकार की संक्रामक बिमारी फैलती है। मौके पर इकाई के सूबेदार बीएल सलाम, डॉक्टर आर.राकेश राठौर, आल्हा यादव, पुरषोत्तम पटेल, ठाकुर राम वर्मा, गौकरण साहू, एवन लाल साहू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका समेत कई लोग उपस्थित थे।