कश्यप ने पूछा : कांग्रेसी बताएं कि अभी उनका महामंत्री कौन है ???

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि भाजपा की राजनीतिक और संगठनात्मक गतिविधियों को लेकर अनावश्यक दखल देने और प्रदेश में भ्रम पैदा करने की नाकाम कोशिशों की प्रवृत्ति से कांग्रेस और प्रदेश सरकार के लोग बाज आ जाएँ। श्री कश्यप ने कहा कि भाजपा की फिक्र में प्रलाप करने के बजाय कांग्रेस के लोग अपने सत्ता-संगठन में चल रहे घमासान से उबरने के रास्ते ढूंढ़ने में अपनी उर्जा लगाएं तो शायद यह कांग्रेस की राजनीतिक सेहत के लिए ज्यादा मुफीद होगा।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस के लोगों से अपना घर तो सम्हल नहीं रहा है, जहां अंतर्कलह की नित-नई पटकथाएँ लिखी जा रही हैं। सत्ता और संगठन की परस्पर प्रतिद्वंद्विता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा की गई संगठनात्मक नियुक्तियों का आदेश 24 घंटों के भीतर रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया हो, उस कांग्रेस के लोग भाजपा पर टीका-टिप्पणी करते शोभा नहीं देते। श्री कश्यप ने कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार को साफ-साफ यह नसीहत दी है कि शीशे के घर में रह कर दूसरों के घरों पर पत्थर मारने की भूल न करें, बल्कि इस सवाल का जवाब प्रदेश को दे कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी शैलजा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के आदेश को रद्द कर दिया पर उसके स्थान पर प्रदेश कांग्रेस का संगठन महामंत्री जिसे नियुक्त किया है उसे प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम जी नहीं मानते हैं। कांग्रेसी बताएं कि अभी उनका महामंत्री कौन है? अंतर्कलह के चलते अपने नेताओं को लूप लाइन डालना कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र है और कांग्रेस अपनी इस प्रवृत्ति के तराजू पर भाजपा के राजनीतिक जनाधार व संगठन को तौलने का हास्यस्पद उपक्रम न करे।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री कश्यप ने कहा कि गुटबाजी कांग्रेस की पहचान है, नियति है। अब तो कांग्रेस के लोगों को अपने पद नाम के साथ कोष्ठक में अपने-अपने गुट के नेताओं के नाम भी लिख देना चाहिए। कांग्रेस की अंतर्कलह के चलते संगठन और सरकार के लोगों को अब यही करना बाकी रह गया है। श्री कश्यप ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में अपनी प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी, भ्रष्टाचार, घोटाले और छल-कपट की राजनीति के चलते कांग्रेस अपनी हार मैदान में उतरने से पहले ही मान चुकी है और इसी अधीरता में ही वह प्रलाप के बेसुरे राग अलाप रही है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री कश्यप ने कहा कि जोड़-तोड़ करके अपने राजनीतिक वजूद बचाने की जद्दोजहद में अपने शासनकाल के आखिरी दिनों में टीएस सिंहदेव को कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री पद का झुनझुना थमा कर गुटीय कलह को साधने की जो नाकाम कोशिश की है, उसका नजारा तो नए-नए उपमुख्यमंत्री बने सिंहदेव ने कांग्रेस चुनाव घोषणा पत्र समिति में नहीं रहने के अपने ऐलान से दिखा दिया है। आपसी अंतर्कलह से जूझती कांग्रेस न तो संगठनात्मक नियुक्तियां कर पा रही है, न झुनझुना थमाकर गुटीय प्रतिद्वंद्विता को थाम पा रही है। श्री कश्यप ने कटाक्ष किया कि संगठनात्मक और विचारात्मक दरिद्रता के दौर से गुजरती कांग्रेस के लोग भाजपा पर फिजूल टिप्पणियां करके अपनी जगहँसाई करा रहे हैं।

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