किसान तक पहुंचा रही साल में 50 हजार रुपये : पीएम मोदी

0 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस के आयोजन में सहका‎रिता मंत्री अ‎मित शाह भी हुए शा‎मिल

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है ‎कि केंद्र सरकार हर ‎किसान को साल में 50 हजार रुपये का लाभ दे रही है। उन्होंने ने प्रगति मैदान में आयो‎जित कार्यक्रम में कहा कि केंद्र सरकार साढ़े 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक खेती और किसानों पर खर्च कर रही है। इस तरह से हर किसान तक सरकार सालाना औसतन 50 हजार रुपये किसी न किसी रूप में पहुंचा रही है। ये मोदी की गारंटी है। इस दौरान केन्द्रीय सहका‎रिता मंत्री अ‎मित शाह ने कहा ‎कि सहाका‎रिता ने हमें बहुत कुछ ‎दिया है। उन्होंने कहा ‎कि स्वतंत्र मंत्रालय बनने से प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन से सहकारिता मंत्रालय और सहकारी के क्षेत्र में ढेर सारे परिवर्तन संभव हुए हैं, आगे भी परिवर्तन होते रहेंगे। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उप‎स्थित थे। गौरतलब है ‎कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण में दृढ़ विश्वास से प्रेरित होकर, केंद्र सरकार देश में सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत के मोटे अनाज यानि मिलेट्स की पहचान दुनिया में श्री अन्न के नाम से बन गई है। इसके लिए विश्व में एक नया बाजार तैयार हो रहा है। भारत सरकार की पहल के कारण इस वर्ष को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज के रूप में मनाया जा रहा है। आज कैमिकल मुक्त खेती, नैचुरल फार्मिंग, सरकार की प्राथमिकता है। आज माइक्रो इ‎रिगेशन का गांव-गांव तक विस्तार करने के लिए सहकारी समितियों को अपनी भूमिका का भी विस्तार करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा ‎कि अब गन्ना किसानों के लिए भी उचित और लाभकारी मूल्य अब रिकॉर्ड 315 रुपये क्विंटल कर दिया गया है। किसान हितैषी अप्रोच को जारी रखते हुए, कुछ दिन पहले एक और बड़ा निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार ने किसानों के लिए 3 लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया है। पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने मिशन पाम ऑयल शुरु किया है। इसके तहत तिलहन की फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे देश में खाने के तेल के आयात पर खर्च होने वाली बड़ी रकम किसानों के पास पहुंच सके। दुनिया में निरंतर महंगी होती खादों और केमिकल का बोझ किसानों पर न पड़े, इसकी भी गारंटी भाजपा सरकार ने दी है। आज किसान को एक यूरिया बैग के लिए करीब 270 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। इसी एक बैग की कीमत बांग्लादेश में 720 रुपये, पाकिस्तान में 800 रुपये और चीन में 2100 रुपये है। पिछले 9 वर्षों में, भाजपा सरकार द्वारा उर्वरक सब्सिडी पर 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। यही सबसे बड़ी गारंटी है। हमनें पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट का प्रावधान किया। आज को-ऑपरेटिव को वैसी ही सुविधाएं, वैसे ही प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जैसे कार्पोरेट सेक्टर को मिलते हैं। सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है। इस अवसर पर केन्द्रीय सहका‎रिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘स्वतंत्र मंत्रालय बनने से प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन से सहकारिता मंत्रालय और सहकारी के क्षेत्र में ढेर सारे परिवर्तन संभव हुए हैं, आगे भी परिवर्तन होते रहेंगे। इस आंदोलन ने देश को अब तक बहुत कुछ दिया है। ऋण वितरण की अर्थव्यवस्था में लगभग 29 फीसदी हिस्सा सहकारी आंदोलन का है। उर्वरक वितरण में 35 फीसदी, उर्वरक उत्पादन में 25 फीसदी, चीनी उत्पादन में 35 फीसदी से अधिक, दूध की खरीद, बिक्री और उत्पादन में सहकारिता का हिस्सा 15 फीसदी को छू रहा है। कार्यक्रम में पीएम मोदी का स्वागत भारत माता की जय के नारों के साथ किया गया।

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