नई दिल्ली। भारत राष्ट्र समिति, बीआरएस को लेकर राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस कोई गठबंधन नहीं करेगी। जानकारी के अनुसार तेलंगाना कांग्रेस नेताओं के साथ एक रणनीतिक बैठक के दौरान, पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति, बीआरएस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं करेगी क्योंकि यह भाजपा के साथ काम करती है। सूत्रों ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि कांग्रेस ने राज्य की रणनीति पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को तेलंगाना के अपने नेताओं की बैठक बुलाई है जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें कांग्रेस संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, तेलंगाना राज्य प्रभारी माणिकराव ठाकरे, राज्य इकाई प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी, पूर्व सांसद रेणुका चौधरी और अन्य भी शामिल हुए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यहां पार्टी मुख्यालय में बैठक के दौरान राहुल गांधी काफी मुखर दिखे और उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य में बीआरएस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं करेगी। सूत्रों की मानें तो बैठक के दौरान राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कोई कैसे सोच सकता है कि बीआरएस गठबंधन का हिस्सा हो सकता है क्योंकि वह भाजपा की टीम बी है। इस तरह से राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में इस बात को उजागर करेगी कि बीआरएस और भाजपा राज्य में एक साथ कैसे काम कर रहे हैं। इस साल की शुरुआत में महिला आरक्षण विधेयक को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में बीआरएस नेता के कविता द्वारा आयोजित गोलमेज बैठक में कांग्रेस ने हिस्सा नहीं लिया था। बीआरएस ने पिछले डेढ़ साल में केंद्र की कई बैठकों में भाग नहीं लिया है, लेकिन 24 जून को मणिपुर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में उसने भाग लिया। यहां तक कि मुख्यमंत्री के. चद्रशेखर राव के बेटे और राज्य मंत्री के.टी. रामाराव ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य मंत्रियों से भी मुलाकात की। कांग्रेस मुख्यालय में हुई बैठक में पूर्व मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव और पूर्व सांसद पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी सहित कम से कम 35 बीआरएस नेताओं के खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात के बाद पार्टी में शामिल होने के एक दिन बाद हुई।