रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। डॉ. बांधी ने कहा कि पर्याप्त व्यवस्थाओं के अभाव में एक ओर मलेरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर डायरिया के मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है। मलेरिया से मुकाबले के लिए प्रदेश सरकार मच्छरदानी मुहैया नहीं करा पा रही है, तो डायरिया के मरीजों के लिए पर्याप्त बेड व दवाएँ तक उपलब्ध नहीं हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री डॉ. बांधी ने कहा कि दुर्ग संभाग के बालोद जिले को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए एक ओर जहां अभियान चलाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर 50 हजार मच्छरदानी की डिमांड अब तक पूरी नहीं हो पाई है। इस जिले में अब भी 36 गाँव संवेदनशील हैं और वहाँ संक्रमण दर न्यूनतम 2 से 10 प्रतिशत है। इनमें भी 16 गाँव ऐसे हैं जो लगातार दूसरे साल संवेदनशील मिले हैं। डॉ. बांधी ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के जो ढोल प्रदेशभर में पीट रही है, उसकी पोल खुलती जा रही है। यह स्थिति तब है, जब पिछले वर्षों में डीडीटी छिड़काव और मच्छरदानी बाँटने के लिए सात करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं और अभी 50 हजार मच्छरदानियों की डिमांड पूरी नहीं की गई है। डॉ. बांधी ने कहा कि अब जबकि बारिश का मौसम दस्तक दे रहा है, तब मच्छरों के प्रकोप से मलेरिया के फैलाव की आशंका बढ़ रही है, लेकिन प्रदेश सरकार उदासीनता दिखाकर जनस्वास्थ्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी से मुँह चुरा रही है। डॉ. बांधी ने बस्तर के बीजापुर जिले के फरसेगढ़ में डायरिया के बढ़ते प्रकोप की चर्चा कर कहा कि मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त स्थान की व्यवस्था नहीं होने के कारण बालक आश्रम में मरीजों को शिफ्ट किया गया है, जहाँ मरीजों के लिए पर्याप्त बेड और पर्याप्त व समुचित दवाएँ तक मुहैया नहीं हो पाई हैं और मरीजों को केवल ड्रिप और सामान्य दवाएँ देकर डायरिया का इलाज किया जा रहा है।