भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी मान चुका है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा चुनावी मुकाबले में कहीं नहीं – मरकाम

0 केंद्रीय मंत्रियों का दौरा केवल राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए

रायपुर। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह के प्रस्तावित दौरों पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि 15 साल के रमन राज के कुशासन के बाद 14 सीट में सिमट चुके भारतीय जनता पार्टी की स्थिति छत्तीसगढ़ में दिनोंदिन कमजोर होती जा रही है। भाजपा के तमाम हथकंडे छत्तीसगढ़ में नाकाम रहे। 2018 के चुनाव के दौरान धरमलाल कौशिक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे उसके बाद विक्रम उसेंडी फिर विष्णुदेव साय और अब भाजपा के सबसे निष्क्रिय सांसद अरुण साव को अध्यक्ष बनाए जाने से भाजपा कार्यकर्ताओ में घोर निराशा है। अरुण साव को बिलासपुर की जनता ने सांसद के रूप में चुना है। बिलासपुर जोन देशभर में सर्वाधिक कमाई करके देने वाला रेलवे जोन है, केवल माल भाड़े से 22,000 करोड़ से अधिक की आय केंद्र की मोदी सरकार को होती है लेकिन सुविधा के नाम पर केवल छलावा, हर महिने सैकड़ों ट्रेनें अचानक रद्द कर दी जा रही है, बिलासपुर से शुरू की गई हवाई सेवा भी अचानक रद्द कर दी गई इस पर भी सांसद अरुण साव मौन रहे। विगत साढ़े चार वर्षों में भाजपा के आधा दर्जन नए प्रभारी आ गए, 2018 में विधानसभा चुनाव के समय सौदान सिंह छत्तीसगढ़ में भाजपा के प्रभारी हुआ करते थे फिर डी पुरंदेश्वरी आई, नितिन नवीन, शिव प्रकाश, अजय जामवाल, ओम माथुर लाए गए। जिला कमेटी, मंडल और मोर्चा प्रकोष्ठों में भी बदलाव किए गए लेकिन हासिल शून्य रहा। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद 5 उपचुनाव हुए, 14 बड़े नगरीय निकायों सहित पंचायत चुनाव में भी भाजपा को करारी हार मिली।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि विगत 1 वर्ष में लगभग दर्जन भर केंद्रीय मंत्री छत्तीसगढ़ आए। कोई भी मंत्री अपने विभाग की उपलब्धि या छत्तीसगढ़ के संदर्भ में किसी सौगात की जिक्र तक नहीं किया। भाजपा के तमाम नेताओं की सांप्रदायिक राजनीति, धर्मांतरण के तथ्यहीन आरोप और गोडसे प्रेम सर्वविदित है। संवैधानिक पदों पर बैठे केंद्रीय मंत्री भी नफरत और उन्माद फैलाकर भाजपा के लिए राजनीतिक जमीन तैयार करने का कुत्सित प्रयास करते हुए दिखे। अब प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संभावित दौरों की खबरें भी आ रही है। दरअसल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी मान चुका है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा चुनावी मुकाबले में कहीं नहीं है और छत्तीसगढ़ का भाजपा नेतृत्व विपक्ष का धर्म निभाने में पूरी तरह से असफल साबित हुआ है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आम जनता के भरोसे का पर्याय बन चुकी कांग्रेस सरकार और कांग्रेस संगठन बेहतर तालमेल से चुनावी मुकाबले के लिए तैयार है। एक तरफ छत्तीसगढ़ में जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सभी विधानसभा के 2-2 गांवों में “भेंट मुलाकात“ कर आम जनता से सीधे फीडबैक ले रहे हैं, वही भरोसे का सम्मेलन भी आयोजित हो रहा है। विगत दिनों जगदलपुर में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जी की उपस्थिति में भरोसे का सम्मेलन आयोजित किया गया था, उसके बाद पाटन विधानसभा के साकरा में दूसरा भरोसे का सहयोग सम्मेलन आयोजित हुआ। सभी 5 संभागों में संभागीय सम्मेलन संपन्न हो चुके हैं। विधानसभा स्तर पर “संकल्प शिविर“ लगाए जा रहे हैं इसके साथ ही 23,000 से अधिक बूथ के सभी सक्रिय कार्यकर्ताओं का प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर “मेरा बूथ मेरी जिम्मेदारी“ कार्यक्रम और प्रशिक्षण शिविर लगाया जा रहा है। मंत्रियों के विभाग और प्रभार वाले जिलों के संदर्भ में भी सतत समीक्षा बैठक हैं, अलग-अलग मंत्रियों के निवास पर आरंभ हो चुका है। आम जनता की समृद्धि, सुशासन और सामाजिक न्याय के पर्याय बन चुके कांग्रेस की भूपेश सरकार के समक्ष किसी भी प्रकार से चुनौती प्रस्तुत कर पाने में छत्तीसगढ़ भाजपा पूरी तरह से असहाय है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *