रायपुर। दिल्ली पुलिस द्वारा सांसद बृजभूषण शरण खिलाफ दायर पास्को एक्ट की जांच पर क्लोजर रिपोर्ट लगाने तथा केस वापस लेने को कांग्रेस ने दुर्भाग्यजनक बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बेटी बचाओ का फर्जी नारा गढ़ने वाली मोदी सरकार का असली मकसद “अपराधी बचाओ“ है। एक नाबालिग पहलवान लड़की ने बाहुबली बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण के खिलाफ पास्को की शिकायत दर्ज कराई, लेकिन मोदी सरकार की दिल्ली पुलिस ने एफआईआर तब दर्ज की जब सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई। अपराधी को तत्काल अरेस्ट करने की जगह पुलिस, सरकार के मंत्री सब एड़ी चोटी का जोर लगा देते हैं उस बेटी को झूठा साबित करने के लिए। नियम के अनुसार पास्को की शिकायत पर आरोपी को तुरंत हिरासत में लिया जाता है। लेकिन बृजभूषण शरण सिंह सरेआम घूम रहा था, दबाव बना रहा था, मीडिया को इंटरव्यू दे रहा था, ओलंपिक मेडल की कीमत 15 रुपए बता रहा था, गुड टच-बैड टच पर ज्ञान दे रहा था, लोकसभा चुनाव लड़ने की दावेदारी ठोंक रहा था।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सोचिए, 10 मई को नाबालिग बच्ची ने शिकायत दर्ज कराई। 5 जून को खबर आई कि बच्ची ने केस वापिस ले लिया है। जिस दिन नाबालिग पहलवान बेटी का बयान बदलवाया गया, उसी दिन साफ़ हो गया था कि पूरा तंत्र बाहुबली बृज भूषण को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। और आज दिल्ली पुलिस के 550 पन्नों की चार्जशीट से ये बात साबित भी हो गई।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिस तरीक़े से इस मामले में दिल्ली पुलिस ने काम किया है क्या अब कोई भी परिवार किसी अपराधी, बाहुबली के ख़लिफ़ इंसाफ़ माँगने की हिम्मत जुटा पाएगा? नाबालिग के केस में एफआईआर होने के 1 महीने बाद तक गिरफ़्तारी क्यूँ नहीं की गई? क्या इसी न्यू इंडिया का प्रचार हमारे प्रधानमंत्री और उनकी सरकार कर रही है जहाँ बहन-बेटियों को इंसाफ दिलाना नामुमिकन हो गया है? देश की न्याय पालिका को संज्ञान से कर इस मामले गिरफ्तारी के आदेश देना चाहिये।