नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपदा के कारण होने वाली मृत्यु की संख्या को जीरो तक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ काम करने का दावा कर कहा है कि आपदा प्रबंधन में विगत 9 वर्षों में केंद्र ने राज्यों के साथ मिलकर काफी उपलब्धियां प्राप्त की हैं, लेकिन हम इन उपलब्धियों पर संतुष्ट होकर नहीं बैठ सकते क्योंकि आपदाएं लगातार अपना स्वरूप बदल रही हैं और इसकी तीव्रता भी बढ़ रही है। उन्होंने नए क्षेत्रों में आ रहे बाढ़ और नए स्थानों पर लू के थपेड़ों का जिक्र कर कहा कि इन चुनौतियों के मद्देनजर हम सभी को भी अपनी तैयारियों को और व्यापक और पैना करते रहना होगा। शाह ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि, हमारे देश में आपदा प्रबंधन कोई नई कल्पना नहीं है। चाणक्य के अर्थशास्त्र से लेकर पौराणिक समय के राज्य प्रशासन के जितने भी दस्तावेज उपलब्ध हैं, उन सभी में आपदा प्रबंधन की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि कोविड के समय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर देश सदी की सबसे भीषण महामारी का सामना करके उससे बाहर निकला।उस कठिन समय में सभी मोर्चां पर केंद्र, राज्य और जनता तीनों ने मिलकर आपदा के खिलाफ कैसे लड़ाई लड़ी जा सकती है, उसका एक उत्कृष्ट उदाहरण दुनिया के सामने रखा। 220 करोड़ से ज्यादा टीका लगाना, लाखों की संख्या में गरीबों को अपने गृह राज्य में पहुंचाना, कोई भूखा न सोए यह सुनिश्चित करना और डीबीटी के माध्यम से लोगों की सीधी मदद करना, यह सब हम लोगों ने करके दिखाया। शाह ने कहा कि, पहले आपदा को लेकर हमारा दृष्टिकोण राहत केंद्रित व रिएक्शनरी था। हम केवल राहत और पुनर्वास की चिंता करते थे। लेकिन पिछले 9 साल के अंदर अर्ली वार्निंग सिस्टम, प्रिवेंशन, मिटिगेशन और पूर्व तैयारी आधारित आपदा प्रबंधन को हम सभी ने मिलकर जमीन पर उतारा है और एक साथ रखा है। 350 आपदा संभावित जिलों में आपदा मित्र योजना के तहत एक लाख युवा वॉलेंटीयर्स को तैयार किया जा रहा है। इससे अब तक अनेक आपदा की घटनाओं में अच्छे परिणाम मिले हैं जो सकारात्मक व उत्साहवर्धक हैं। शाह ने पिछले चार सालों में प्रोएक्टिव तरीके से केंद्र द्वारा राज्यों को मदद करने के लिए कदम उठाने के बारे में तथ्यों और आंकड़ों के साथ अपनी बात रखते हुए सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से भी आपदा प्रबंधन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्तावों को जल्द से जल्द मंजूरी देने और अपनाने का आग्रह भी किया। उन्होंने तमाम मंत्रियों को यह आश्वासन भी दिया कि उन लोगों ने रिकॉर्ड स्तर पर जो अपना बयान रखा है, उसका उनका विभाग बिंदुवार अध्यन कर राज्यों को प्रतिक्रिया देगा।