रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने पटवारियों की हड़ताल तोड़ने एस्मा कानून लागू किये जाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि राजस्व पटवारियों की जायज मांगें पूरी करने में विफल कांग्रेस सरकार तानाशाही पर उतर आई है। सरकार का काम जनता की सेवा में तैनात सरकारी कर्मचारियों का समुचित पोषण करना है ताकि वे जनता की सेवा पूरी मुस्तैदी से करें। लेकिन भूपेश बघेल सरकार अपने ही कर्मचारियों का दमन कर रही है। हड़ताल पर बैठे पटवारियों ने न्यायोचित मांगों की पूर्ति के लिए अनशन का रास्ता चुना। उन्हें उम्मीद थी कि सत्ता में आने के लिए कांग्रेस ने हर तरह के कर्मचारियों को जो सब्जबाग दिखाए थे, उन्हें धरातल पर लायेगी। कांग्रेस हर हड़ताली पंडाल में पहुंच जाती थी। अब उसकी सरकार किसी वर्ग से किये वादे पूरे करना तो दूर कर्मचारियों की मांगों को सुनने तैयार नहीं है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि साढ़े चार साल से सभी वर्गों के कर्मचारियों अधिकारियों का शोषण किया जा रहा है। महंगाई भत्ते के लिए आंदोलन करना पड़ता है। ऐसा कोई कर्मचारी संघ शेष नहीं है, जिसने भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ मोर्चा न खोला हो। अपनी मांगों के समर्थन में अनशन पर बैठने वाले कर्मचारियों पर अब तक पुलिस के डंडे बरस रहे थे, अब कर्मचारियों का दमन करने एस्मा लगाया गया है। यह कर्मचारियों के असंतोष को दबाने का तानाशाही फरमान है। इनका लोकतांत्रिक व्यवस्था में जरा सा भी भरोसा नहीं है। हर तरफ शोषण की राजनीति कर रहे हैं। कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं कर सकते तो छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारियों से हाथ जोड़ लें। उन्हें बर्खास्त करने की क्या जरूरत है। भय का साम्राज्य चला रहे हैं।पटवारियों ने उनके एस्मा आदेश की प्रतियां जलाई हैं। आने वाले समय में यह असंतोष इनकी लंका का दहन कर देगा। भाजपा पटवारियों की उचित मांगों का समर्थन करती है और सत्ता में आने पर सभी उचित मांगों को पूरा करेगी।