भाजपा सत्ता में थी तब भगवान बिरसा मूंडा, शहीद वीर नारायण सिंह, शहीद गुंडाधुर, शहीद गैंद सिंह को नहीं बल्कि दीनदयाल और श्यामा प्रसाद को याद करते थे – धनंजय सिंह

रायपुर। भाजपा के पुरखौती सम्मान यात्रा और जनसंपर्क अभियान को चुनावी अभियान बताते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की आदिवासी पुरखौती सम्मान यात्रा और जनसंपर्क अभियान चुनावी अभियान है ये कभी भी छत्तीसगढ़ के पुरखो का सम्मान नही कर सकते। 15 साल के रमन सरकार के दौरान भाजपा को बस दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी याद आते थे। उनके नाम से योजनाएं बनती थी, बिल्डिंग सड़के बनती थी लेकिन छत्तीसगढ़ के पुरखों की याद इनको नही आती थी। आज भाजपा को जब पता चला की प्रदेश का बहुसंख्यक आदिवासी वर्ग भाजपा से बेहद खफा और आक्रोशित है तब विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में आदिवासियों की नाराजगी से होने वाली नुकसान को देखते हुये भाजपा को छत्तीसगढ़ के पुरखों की सम्मान की याद आई है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा को प्रदेश के आदिवासी समाज को बताना चाहिए कि उन्होंने 15 साल में छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र आदिवासी रत्न छत्तीसगढ़ के गौरव भगवान बिरसा मुंडा, शहीद वीर नारायण सिंह, शहीद गुंडाधुर, शहीद गेंद सिंह सहित अनेक महान बलिदानियों को सम्मान क्यों नहीं दिया? उनके लिए 15 साल में क्या किया?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा को छत्तीसगढ़ के पुरखों की चिंता होती तो रमन सरकार में छत्तीसगढ़ के पुरखों के बताए मार्ग पर चलती उनके सपनों को पूरा करती और उस दौरान किसानों के ऊपर अत्याचार नहीं होते। बस्तर के 700 गांव के आदिवासी अपने घर को छोड़ने मजबूर नहीं होते। सैकड़ों आदिवासियों को जेल में बंद नहीं किया जाता। उनके जमीन नहीं छीनी जाती। 35 हजार से अधिक आदिवासी बेटियां गायब नहीं हुई होती। रमन सरकार आदिवासियों के जमीन पर कब्जा करने के लिए भू संशोधन विधेयक नहीं लाते। आदिवासियों को उनका कानूनी अधिकार देते।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार में आदिवासियों का मान सम्मान बढ़ा है, कानूनी अधिकार मिला है। विश्वआदिवासी दिवस के दिन आदिवासी महोत्सव का आयोजन हो रहा है। आदिवासियों के आस्था स्थल देवगुड़ी एवं युवा सांस्कृतिक केंद्र घोटुल का विकास हो रहा है। आदिवास परब सम्मान निधि दिया जा रहा है। आदिवासियों की संस्कृति, कला परंपरा तीज त्यौहार को विश्व में अलग पहचान मिला। पेसा के नियम बनाकर आदिवासी वर्ग को उनका कानूनी अधिकार दी गई है उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के लिए बेहतर काम हो रहे है। तेंदूपत्ता का मानक दर 2500 रु से बढ़ाकर 4000 रु प्रति मानक बोरा दे रही है। 65 वनोपज के समर्थन मूल्य में खरीदी कर रही है। स्थानीय स्तर पर भर्ती कर रही है। जेल में बंद आदिवासियों की रिहाई हुई। रमन सरकार के दौरान आदिवासियों से छीनी गई जमीन लौटाई है तब भाजपा को छत्तीसगढ़ के पुरखों की याद आई है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *