सात साल की श्रावणी ने हिमालयन ट्रेकिंग में रच दिया इतिहास…

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ की नन्हीं परी श्रावणी ने हिमालयन ट्रेकिंग एंड एक्सपेडिशन अभियान में नया इतिहास रच दिया है। इस छोटी सी गुड़िया ने वह कमाल कर दिखाया है, जिसे करने में बड़े बड़ों के पसीने छूट जाते हैं। श्रावणी दुबे ने ट्रेकिंग अभियान में साढ़े तेरह हजार फीट ऊंचाई वाले पहाड़ की चढ़ाई कर डाली और इतनी ऊंचाई तक चढ़ाई करने वाली छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश की पहली कन्या बनने का खिताब अपने नाम कर लिया।

बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार रवि दुबे की पोती श्रावणी को साहसिक अभियानों में भाग लेने का जज्बा अपने पिता से मिला है। श्रावणी के पिता नेवी के रिटायर्ड अफसर हैं और फिलहाल रायपुर की एक बैंक शाखा में कार्यरत हैं। श्रावणी की मां भी बैंककर्मी है। श्रावणी के पिता शुरू से साहसिक गतिविधियों और अभियानों में हिस्सा लेते रहे हैं। उन्हीं से प्रेरित होकर श्रावणी ने महज तीन साल की उम्र में तैराकी सीख ली थी और अब पहाड़ों की ऊंची और कठिन डगर को नापने का साहस दिखाया है। यूथ हॉस्टल एसोसिशन ऑफ इंडिया द्वारा इसी माह उत्तराखंड के उत्तर काशी जिले में स्थित देवक्यारा में आयोजित हिमालयन ट्रेकिंग कम एक्सपेडिशन अभियान में भाग लेने गए अपने पिता के साथ श्रावणी भी वहां गई थी। इस ट्रेकिंग में भाग लेने की न्यूनतम आयु सीमा 15 वर्ष तय थी, मगर 7 साल की श्रावणी भी इसमें भाग लेने की जिद पाल बैठी। आयोजक इसके लिए तैयार नहीं हो रहे थे। अंततः श्रावणी की जिद और लगन के आगे सभी नत मस्तक हो गए। श्रावणी के माता – पिता से लिखित में जिम्मेदारी लेने के बाद श्रावणी को भाग लेने का मौका दिया गया। आखिरकार श्रावणी ने 13 हजार 500 फीट की ऊंचाई तक चढ़ाई कर ट्रेकिंग पूरी कर दिखाई। बताया गया है कि इतनी कम उम्र में इतनी ज्यादा ऊंचाई तक चढ़ाई पूरी करने वाली वह छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की पहली बालिका बन गई है।

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