रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है। जब नई संसद की नींव रखी गयी तब भी राष्ट्रपति को दूर रखा गया और अब नए संसद भवन के उद्घाटन से भी राष्ट्रपति को दूर रखा जा रहा है, यह न्यायोचित नहीं है। अनुच्छेद 79 के मुताबिक संघ के लिये एक संसद होगी, जिसमें दो सदन और एक राष्ट्रपति होंगे, जिन्हें क्रमशः राज्यों की परिषद और लोगों की सभा के रूप में माना जाएगा। राष्ट्रपति न केवल भारत में देश का प्रमुख होता है बल्कि संसद का अभिन्न अंग भी होता है, फिर प्रधानमंत्री ने उनको संसद के उद्घाटन में नहीं बुलाया, यह अशोभनीय है और राष्ट्रपति के उच्च पद का अपमान है। एक व्यक्ति के अहंकार ने राष्ट्रपति को नए संसद भवन के उद्घाटन के अधिकार से वंचित किया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह दलीय प्रतिबद्धता और मोदी को खुश करने की नीयत से गलत बयानी कर छत्तीसगढ़ की विधानसभा के शिलान्यास और राज्यपाल से जोड़कर मोदी सरकार की गलती पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शिलान्यास में राज्यपाल और नेता प्रतिपक्ष दोनों ही आमंत्रित थे। राज्यपाल व्यस्तता के कारण नहीं आई थी, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक शामिल हुये थे। रमन सिंह मोदी सरकार के असंवैधानिक कृत्यों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे।