0 रमन सिंह के गढ़ में पानी को तरस रही जनता
(बसंत शर्मा) राजनांदगांव। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के गढ़ राजनांदगांव में 230 करोड़ की अमृत मिशन योजना पर नगर निगम पानी फेर रही है। जनता पानी को तरस रही है। भाजपा ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया। राहत तो मिली नहीं, मुसीबत जरूर बढ़ गई। भाजपा गोठानों में गाय, गोबर, चारा, पानी तलाश रही है। राजनांदगांव विधायक डॉ. रमन सिंह से लेकर सांसद संतोष पांडेय तक भाजपा के तमाम नेता गोठान पहुंच कर घोटाला तलाश में जुटे रहे। जनता चाहती है कि अमृत मिशन घोटाले पर भाजपा ऐसी मुस्तैदी दिखाए और जनता को पानी उपलब्ध कराए। पानी को तरसती जनता पानी उतारना भी जानती है। भले ही नगर निगम और प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता है लेकिन राजनांदगांव की जनता विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा को लगातार समर्थन दे रही है। इसलिए वह डॉक्टर साहब और पांडेय जी से उम्मीद करती है कि गोठान के साथ साथ इंसान पर भी नजर ए इनायत करें। एक ओर पानी की समस्या तो दूसरी ओर बिजली की कटौती शुरू कर दी गई है।
सूत्रों से मिलो जानकारी के अनुसार शहर सहित श्रमिक वार्ड में पानी की समस्या बारहों महीना बनी रहती है, इसके बाद भी निगम के अधिकारी इस ओर ध्यान न देकर अपनी गलती छिपाने लोगों को मूलभूत सुविधा से वंचित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। ऊपर से अब बिजली कटौती शुरू कर दी गई है। जिससे घर में बीमार व्यक्तियों को भरी गर्मी में और ज्यादा परेशानियों का सामना पड़ रहा है।
एक अफसर की गलती, भुगत रहा शहर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम जल विभाग के तत्कालीन एक अधिकारी की लापरवाही की वजह से शहर को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। उक्त अधिकारी द्वारा अपने वार्ड में पर्याप्त पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शहर के कई वार्ड की पाइप लाइन से छेड़छाड़ कर इंटरलॉकिंग के नाम पर पानी पहुंचाने का काम किया गया है, जिसके कारण आज लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
कहने को अमृत, नसीब नहीं हो रहा पानी
लगभग 230 करोड़ की अमृत मिशन योजना में जमकर बंदरबांट करने वाले अधिकारी, ठेकेदार और जनप्रतिनिधियों को आम जनता की सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें सिर्फ कमीशन से मतलब है। आज शहर की स्थिति यह हो गई है कि न तो जनता को पर्याप्त पानी मिल रहा है और न ही अन्य मूलभूत सुविधाएं। 230 करोड़ की इस योजना में भी पानी फिरता नजर आ रहा है। ठेकेदार ने अपना काम समेटना शुरू कर दिया है। नलों में पानी आने की कोई गुंजाइश ही नजर नहीं आ रही है। इसका कारण यह है कि निगम के पास पानी टंकी भरने मोटर ही नहीं है। जहां से पानी की सप्लाई होनी है, वहां स्टोरेज के लिए एनीकट की कमी है। जल संसाधन विभाग पानी देने तैयार नहीं है तो शहर को पर्याप्त पानी कैसे मिलेगा, यह एक बड़ा सवाल है। दोनों ही दल के लोग सिर्फ अपनी रोटी सेकने में लगे हुए हैं। इन सब के बीच पिसना सिर्फ जनता को ही है।
*भाजपा का आंदोलन राहत कम, आफत ज्यादा*
भारतीय जनता पार्टी नेताओं एवं भाजपा पार्षदों द्वारा गत दिनों पानी और सड़क की समस्या को लेकर शहर के अनेक वार्ड में प्रदर्शन कर महापौर का पुतला दहन किया गया। जिससे आम जनता को पानी और सड़क की सुविधा मिल सके। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भाजपाई एक और समस्या पैदा कर गए, बिजली बंद की। क्या यह समस्या का समाधान है। यदि यही समस्या का सामाधान है तो ऐसे आन्दोलन और प्रदर्शन से जनता को भगवान बचाये।
क्या सिर्फ इन्हीं वार्ड में है समस्या
नगर निगम द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि शहर के वार्ड नं. 37, 38, 39, 40, 42, 43, 44, 45,47, 48 ,49, 50 व वार्ड नम्बर 51 में पानी की समस्या है। जिसे लेकर सुबह 6.30 से 7 बजे तक बिजली बंद की जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि क्या सिर्फ यही वह वार्ड हैं, जहां पानी की समस्या है। इन वार्डो से लगे और भी वार्ड हैं, जहां पानी की समस्या है, लेकिन उन वार्ड में वीआइपी लोग रहते हैं, इस वजह से वहां न तो बिजली गोल की जा सकती और न ही पानी की सप्लाई रोकी जा सकती। सवाल यह भी उठता है कि जिन वार्ड में बिजली की समस्या है उन वार्ड में टेंकर से क्या पानी की सप्लाई नहीं की जा रही। यदि नहीं तो फिर टेंकरों से पानी कहां जा रहा है?