रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में गांव, गरीब, किसानों और गोपालको की समृद्धि को भाजपाई पचा नहीं पा रहे हैं। गरीब और कृषि श्रमिको सहित ग्रामीणों के अतिरिक्त आमदनी का जरिया बने गोधन न्याय योजना का विरोध कर भाजपाई अपने सामंतवादी चरित्र को एक बार फिर प्रमाणित कर रहे हैं। भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में विगत साढ़े तीन साल में 10624 गोठान बनाए हैं जिनमें से 5709 गोठान अब स्वावलंबी बन चुके हैं। योजना के अंतर्गत कोई भी राशि का भुगतान नगद रूप में नहीं होता है। प्रत्येक 15 दिन में हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि का अंतरण होता है, पूरी पारदर्शिता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि 15 साल रमन राज के कुशासन में आरएसएस, भाजपा नेताओ के द्वारा संचालित फर्जी गौशालाओं को हर साल करोड़ों का अनुदान लगातार दिया जाता था, जहां अनुदान गटक कर चारा-पानी के बिना गाएं मार दी जाती थी। सेठ फूलचंद गौशाला, शगुन गौशाला, मयूरी गौशाला जैसे अनेकों उदाहरण हैं। 15 साल भाजपा के कुशासन में गांव की घास जमीन, मवेशियों के चारागाह की जमीन भू माफियाओं के साथ मिलीभगत करके भाजपाई हड़प लिए। कभी औषधि खेती, कभी रतनजोत तो कभी उद्योग लगाने का सपना दिखाकर चारागाह भूमि पर कब्जा करने वाले भाजपाईयों को गोठानों के लिए संरक्षित जमीन पर आपत्ति करने का नैतिक अधिकार नहीं है। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने प्रत्येक आदिवासी परिवार को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय देने का वादा 2003 में किया था। 15 साल सरकार में रहे, भाजपाईयों के द्वारा एक भी गाय किसी को दी गई हो तो बताएं?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि प्रदेश में संचालित गोठानों में 14504 महिला स्व सहायता समूह की 1,71,585 बहनों को 131 करोड़ 43 लाख़ का भुगतान अब तक हो चुका है। यही नहीं गोपालकों और समूहों को अब तक 445 करोड़ 14 लाख़ का भुगतान, 21 मई 2023 को 13 करोड़ 57 लाख दिए जाएंगे। प्रदेश में पंजीकृत गोपालकों की संख्या 341713 है, उल्लेखनीय है कि विगत तीन साल में पशुपालकों की संख्या में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब तक कुल गोबर खरीदी 32.72 लाख़ क्विंटल जिससे 24.54 लाख़ क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया गया है। 4 रुपए प्रति लीटर की दर पर खरीदे गए गौमूत्र से जैविक कीटनाशक “ब्रह्मास्त्र“ 74401 लीटर और “जीवामृत“ 31478 लीटर अर्थात् कुल जैविक कीटनाशक 1 लाख़ 5 हजार लीटर से अधिक का निर्माण किया गया है। गौमूत्र से आय समुह को 48 लाख़ 50 हज़ार का शुद्ध मुनाफा गोठान समितियों को हुआ है। 2 अक्टूबर 2022 से रीपा परियोजना के तहत हर ब्लाक में 2 गोठानों में औद्योगिक गतिविधियां संचालित करने का फैसला लिया गया है जिसके तहत लगभग 300 से अधिक गोठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का काम शुरू हो चुका है। गोठानों में कृषि और वनोपाजों के प्रसंस्करण के साथ ही बागवानी, मुर्गी पालन, बकरी पालन, आटा चक्की, दाल मसाले पिसाई, तेल पेराई जैसे कार्य समूह के द्वारा किए जा रहे हैं। इस बजट में ग्रामीण क्षेत्र में इंडस्ट्रियल पार्क के लिए 600 करोड़ का प्रावधान किया गया है।