0 प्रदेश में पुलिस प्रताड़ना भी चरम पर पहुंच गया है : भाजपा
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता व विधायक रंजना साहू ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। श्रीमती साहू ने कहा कि एक ओर पुलिस प्रशासन पीड़ितों की रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी करके उन्हें इंसाफ दिलाने में रुकावटें पैदा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर आला अफसरों की प्रताड़ना से तंग आकर विभागीय मातहत महिला पुलिस कर्मी को आत्मदाह की अनुमति मांगनी पड़ रही है। पुलिस की उदासीनता के कारण रायगढ़ में भाजपा महिला पार्षद ने जहर सेवन कर आत्महत्या की कोशिश की।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्रीमती साहू ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण, सुरक्षा और आत्म सम्मान के नाम पर केवल डींगे हाँक रही है। कांकेर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ एक महिला पुलिस कर्मी ने विभागीय अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर कांकेर कलेक्टर से उनके ही दफ्तर के सामने आत्मदाह की अनुमति मांगकर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन की पोल खोल दी है। महिला पुलिस कर्मी पद्मिनी साहू द्वारा विभागीय अधिकारियों पर लिंगभेद के आधार पर गलत नीयत से शोषण व मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया जाना इसका प्रमाण है। श्रीमती साहू ने कहा कि जब विभागीय महिला कर्मियों को इतना प्रताड़ित किया जा रहा है, तो आम महिलाओं की सुरक्षा व सशक्तिकरण की स्थिति का सहज की अनुमान लगाया जा सकता है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्रीमती साहू ने कहा कि भाजपा कार्यकताओं व महिला जनप्रतिनिधियों के प्रति भी चुन-चुनकर दुर्भावना का प्रदर्शन किया जा रहा है। रायगढ़ में भाजपा की महिला पार्षद पुष्पा निरंजन साहू को तो चुनाव में पराजित पक्ष द्वारा इतना प्रताड़ित किया गया कि उन्होंने जहर सेवन कर आत्महत्या की कोशिश की। इससे पहले पार्षद के पति के साथ मारपीट की गई थी। सालभर पहले रायगढ़ में ही कांग्रेस की महिला पार्षद संजना शर्मा ने भी जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का यह कैसा वीभत्स स्वरूप प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ को दिखाया है!
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्रीमती साहू ने कहा कि पुलिस प्रशासन को कांग्रेस कार्यकर्ता और थानों-चौकियों को कांग्रेस दफ्तर की तरह इस्तेमाल कर रही कांग्रेस की प्रदेश सरकार को इस बात पर भी शर्म महसूस करना चाहिए कि दुष्कर्म के मामलों में भी प्रदेश की पुलिस मशीनरी पूरी तरह संवेदनहीनता का परिचय दे रही है। श्रीमती साहू ने कहा कि बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में दुष्कर्म पीड़िता को 10 घंटे तक पुलिस ने बिठाए रखा लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज तक नहीं की गई और फिर उसे बैरंग लौटा दिया गया। दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों की रिपोर्ट नहीं लिखने के ऐसे कई मामले पहले भी सामने आए हैं। श्रीमती साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आखिर कैसा नवा छत्तीसगढ़ रहे हैं, जहां न शासकीय महिला कर्मचारी, न महिला जनप्रतिनिधि और न ही दरिंदगी की शिकार आम पीड़ित महिलाओं की कोई सुनवाई हो रही है।