रेत से लेकर कोयला तक और नगर निगम के टेंडर तक में दलाली का खेल चल रहा है-ठोकने

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नलिनीश ठोकने ने राजधानी में विज्ञापन होर्डिंग्स और यूनिपोल घोटाले के खुलासे के बाद नगर निगम की एमआईसी द्वारा जांच समिति के गठन को अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर थोपने की महज सियासी कवायद निरुपित किया है। श्री ठोकने ने कहा कि राजधानी में सरकार की नाक के नीचे चली इस भर्राशाही के लिए जिम्मेदार महापौर एजाज ढेबर समेत इसमें संलिप्त जनप्रतिनिधियों व निगम प्रशासन की भूमिका की जांच होनी चाहिए।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री ठोकने ने कहा कि निगम के जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को इसकी भनक अब तक नहीं लगना कई सवालों को जन्म देता है, क्योंकि बिना सत्तावादी संरक्षण के इतनी बड़ी आर्थिक गड़‌बड़ी संभव नहीं है। श्री ठोकने ने कहा कि निगम में चल रही इस भर्राशाही के कारण निगम की राजस्व आय मे 27 करोड़, 85 लाख, 39 हजार 524 रुपए का नुकसान होना किसी बड़े आर्थिक घोटाले की तस्दीक करता है। श्री ठोकने ने कहा कि अब जांच कमेटी बनाकर महापौर ढेबर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह 27 करोड़ के रुपए के नुकसान का नहीं, अपितु बड़े घोटाले का पर्दाफाश है और अब महापौर ढेबर ‘फिसल गए तो हर-हर गंगे’ करके जांच की बातें कर रहे हैं। श्री ठोकने ने कहा कि दरअसल यह केंद्रीय जांच एजेंसियों ने प्रदेश में सबूतों के आधार पर जो कार्रवाइयां की है और जिसके चलते अब महापौर के भाई अनवर ढेबर ईडी की गिरफ्त में हैं, महापौर ढेबर अब अपने उसी डर को व्यक्त कर रहे हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री ठोकने ने कहा कि ऐसे घोटालों और दलाली के खेल स्थानीय नगर निगम के साथ-साथ पूरे प्रदेशभर में संस्थागत रूप से चल रहे हैं, जिससे स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि हर स्तर पर घोटालों और दलाली के पैसों से ही कांग्रेस पोषित हो रही है। श्री ठोकने ने कहा कि कांग्रेस नेताओं तक पहुँच बताकर सोलर पैनल व सोलर एलईडी का सरकारी काम दिलाने का झांसा देकर 4.39 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के सामने आए मामले का हवाला देते हुए कहा कि आरोपी शैलेंद्र बघेल ने इसके लिए पीड़ित कारोबारियों से 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया सहित तमाम कांग्रेस नेताओं के साथ शैलेंद्र बघेल की फोटो आखिर क्या इशारा कर रही है? यह 40 फीसदी कमीशन कहाँ जा रहा है? रेत से लेकर कोयला तक और नगर निगम के टेंडर तक में दलाली का खेल चल रहा है। इन ठगराजों को किसका संरक्षण है, इसकी गंभीर जांच आवश्यक है।

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