रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि कुछ असंतुष्ट लोग, जो नहीं चाहते थे कि हमारे आदिवासी, जनजाति समाज को 32% आरक्षण मिले, हाईकोर्ट में गए जहां कांग्रेस सरकार द्वारा ठीक से जवाब न देने की वजह से हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाई।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री कौशिक ने कहा कि हाईकोर्ट की रोक के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की रोक पर स्थगन आदेश दिया। श्री कौशिक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब तत्काल भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। इस फैसले से साफ हो गया है कि 58 फ़ीसदी आरक्षण का पारित प्रस्ताव वैध है। श्री कौशिक ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। इस बात को लेकर हम पहले से ही कह रहे थे कि बहुत सोच-विचार करके इसको पारित किया गया है, लेकिन विघ्नसंतोषी लोगों ने इसे चुनौती दी। चूँकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश से यह स्पष्ट कर दिया है, अतः हमारे शासनकाल दिया जा रहा आदिवासियों को 32 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ आज से मिलना शुरू हो गया है। श्री कौशिक ने उम्मीद जताई कि पूरा छत्तीसगढ़ सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का स्वागत करेगा। यह डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती भाजपा प्रदेश सरकार की जीत है, जिसके निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी। हर वर्ग को इस निर्णय का लाभ मिलेगा।