रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के गठन एवं अस्तित्व में आने के आरंभ से लेकर आज पर्यंत तक पार्टी द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण पदों एवं उत्तरदायित्व की जितनी भी जिम्मेदारी मुझे दी गई, उसे पूरे समर्पण एवं कर्तव्य परायणता के साथ मैंने अपने उत्तरदायित्व एवं पदों का निर्वहन किया। जिसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं। परंतु पिछले कुछ वर्षों से भारतीय जनता पार्टी में मेरी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से मेरे विरुद्ध अपनी ही पार्टी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा षडयंत्र पूर्वक मिथ्या आरोप एवं अन्य गतिविधियों द्वारा लगातार मेरी गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रही है जिससे मैं अत्यंत आहत महसूस कर रहा हूं तथा बहुत गहराई से विचार करने के पश्चात में भारतीय जनता पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता एवं अपने सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। उल्लेखनीय है कि अविभाजित मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रह चुके नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रथम नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। वह लोकसभा और राज्यसभा में भी भाजपा के सदस्य रहे हैं। भाजपा की मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष के तौर पर उन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था। पिछले कुछ समय से नंदकुमार साय के बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बने हुए थे।आखिरकार आज उन्होंने भाजपा से रिश्ता तोड़ दिया।