0 योगी सरकार से मामले पर स्टेटस की रिपोर्ट मांगी
लखनऊ। अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को जमकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार पर कई सवाल दागकर स्टेटस की रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने अतीक और अशरफ को मेडिकल के लिए ले जाने के दौरान पर्याप्त सुरक्षा एहतियात न बरतने पर भी नाराजगी जाहिर की है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विकास दुबे एनकाउंटर का भी जिक्र किया। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि अतीक को एंबुलेंस से सीधे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया। शीर्ष अदालत ने योगी सरकार से 4 मुख्य सवाल किए, जिसके जवाब में सरकारी वकील ने कहा कि हत्याओं की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि हत्यारे को कैसे पता चला कि अतीक अहमद और अशरफ इस अस्पताल में आने वाले हैं? इसके जबाव में सरकारी वकील ने कहा, कि कोर्ट के फैसले पर आरोपी को हर दो दिन में मेडिकल पर ले जाना होता है। हमलावर लगातार तीन दिन से अस्पताल जा रहे थे। सुनवाई के दौरान पूछा कि हत्या के मामले में अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं? इस बारे में कोर्ट के सामने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें इसके जबाव में सरकारी वकील ने बताया कि योगी सरकार की ओर से एक जांच आयोग और साथ ही राज्य पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) नियुक्त की गई है। आयोग में दो मुख्य न्यायाधीश, एक अन्य न्यायाधीश और एक पुलिस अधिकारी शामिल हैं। वहीं सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि पुलिस अतीक और उसके भाई को हॉस्पिटल के प्रवेश गेट पर एंबुलेंस के बजाय पैदल क्यों ले गई? परेड क्यों कराई? इसके जबाव में सरकारी वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दूरी बहुत कम थी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे के 2020 में हुए एनकाउंटर मामले में जस्टिस बीएस चौहान की रिपोर्ट पर उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी मांगी। कोर्ट ने सरकारी पक्ष से कहा कि उनके पास जो भी सामग्री है, वे उस रख दें। अदालत उस पर गौर करेगी। वादी की ओर से सवाल किया गया कि राज्य खुद आरोपों के तहत है। इसके बाद में वह किसी विशेष जांच दल से इन्वेस्टिगेशन कैसे करा सकती है और आयोग केवल अतीक हत्याकांड की जांच कर रहा है, जबकि अपील में उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर में हुई मौतों की जांच की मांग की जा रही है। इस पर जस्टिस भट्ट ने कहा कि योगी सरकार का स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद अगर जरूरी लगा, तब कोर्ट आयोग से अन्य बड़े मामलों को देखने का अनुरोध करेगी। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है, इस लेकर हलफनामा दायर करे। इसके अलावा बीएस चौहान आयोग की रिपोर्ट के बाद उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दे। तीन हफ्ते बाद मामले को फिर से सूचीबद्ध करने का निर्देश कोर्ट ने दिया है।