रायपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने एक राष्ट्रीय डिजिटल नागरिक फोरम के निर्माण की घोषणा की जो एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य व्यापारियों और उपभोक्ताओं और समाज के अन्य वर्गों के अधिकारों को आगे बढ़ाना और भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था व्यापार के आसपास नीतिगत संवाद को आकार देना है। इसके साथ साथ एक खुले, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट तंत्र को बनाए रखते हुए एक ट्रिलियन-डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने के दृष्टिकोण को हासिल करने में अपनी सहभागिता को भी दर्ज कराना है।
फोरम का शुभारंभ केंद्रीय एमएसएमई मंत्री माननीय श्री नारायण राणे ने 19 अप्रैल को नई दिल्ली में कैट के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में किया था, जो देश भर में डिजिटल नियमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और विशेषज्ञ सत्रों के माध्यम से नागरिकों की डिजिटल क्षमता में वृद्धि करेगा।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी और प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल नागरिक फोरम पांच मुख्य विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा। सबसे पहले, उपभोक्ता संरक्षण और ऑनलाइन सुरक्षा को मज़बूत करना दूसरा, डिजिटल कार्टेलाइजेशन के नुकसान और ऑनलाइन दुनिया में भेदभावपूर्ण और प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को हतोत्साहित करना है। तीसरा, भारतीय डिजिटल प्रौद्योगिकियों की क्षमता न केवल खुदरा और औद्योगिक व्यापार को बदलने की है, बल्कि रोजगार को भी बढ़ावा देती है और निवेश पदचिह्न का विस्तार करती है। चौथा, एक प्रथम सिद्धांत-आधारित कराधान नीति जो कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी अवैध गतिविधियों को रोकते हुए विशेष रूप से उच्च विकास क्षमता वाले क्षेत्रों के लिए निश्चितता और उत्पादकता को प्रोत्साहित करती है। तथा डिजिटल नागरिक फोरम खुदरा व्यापार पर उनके प्रभाव का आकलन करने के लिए ब्लॉकचेन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का अध्ययन करेगा और साथ ही उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करेगा।
“नेशनल डिजिटल नागरिक फोरम ’डिजिटल इंडिया’ के सपने को साकार करने में मदद करने के लिए काम करेगा। यह अगले कुछ वर्षों में $1 ट्रिलियन की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की अपनी यात्रा में आत्मनिर्भर भारत बनाने के अपने एजेंडे को पूरा करने में मदद करने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”, दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा, “कैट फोरम के भीतर अन्य प्रासंगिक समूहों के अलावा कॉर्पोरेट और गैर-कॉर्पोरेट क्षेत्रों, एमएसएमई, उपभोक्ता, विशेषज्ञों और टेक्नोक्रेट्स के हितधारकों को शामिल करेगा।“ राष्ट्रीय डिजिटल नागरिक फोरम जागरूकता शिविर, डिजिटल और भौतिक संवाद और प्रशिक्षण आयोजित करेगा, साथ ही अपने उद्देश्यों को साकार करने के लिए नीति निर्माताओं और अन्य प्रासंगिक हितधारकों सहित, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज के हितधारकों तक लक्षित पहुंच बनाएगा।