रायपुर। डीलिस्टिंग के मामले में आंदोलन केंद्र सरकार के समक्ष किया जाना चाहिये। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि संविधान में संशोधन केंद्र का विषय है। अनुच्छेद 342 के प्रावधानों के अनुसार यह अधिकार केंद्र के पास है। भारतीय जनता पार्टी इस मामले में दोहरा चरित्र अपनाती है, वह वर्ग भेद पैदा करने के लिये इस मुद्दे को हवा देती है। जब केंद्र में उसकी पूर्ण बहुमत की सरकार है, तब वह कानून बना कर समस्या का समाधान क्यों नहीं करती? भाजपा सिर्फ वर्ग संघर्ष करवा कर अपना राजनैतिक हित साधना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जबरन धर्मांतरण को सुप्रीम कोर्ट ने देश के लिये बड़ी समस्या बताया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद केन्द्र में बैठी मोदी सरकार का यह कर्तव्य बन जाता है कि जबरन धर्मांतरण के खिलाफ वह पूरे देश में एक कानून बनाये। भारतीय जनता पार्टी धर्मांतरण को लेकर देश भर में अफवाह फैलाने और राजनीति करने का काम करती है। लेकिन जब इस मामले में ठोस पहल करने या कानून बनाने की बात आती है तब भाजपा की नीयत में खोट साफ नजर आता है। भारतीय जनता पार्टी धर्मांतरण और सांप्रदायिकता पर सिर्फ राजनीति करना चाहती है। वह नही चाहती इस समस्या का कोई ठोस निदान हो। सुप्रीम कोर्ट धर्मांतरण पर चिंतित है वह देश में धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनने की वकालत कर रही है। ऐसे में मोदी सरकार इस मामले पहल कर शीघ्र कानून बनाना चाहिये। अलग-अलग राज्य धर्मांतरण के मामले में कानून बना रहे है। लेकिन जब यह समस्या पूरे देश की है तब एक राष्ट्र एक कानून के सिद्धांत का पालन धर्मांतरण में भी होना चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा अपने राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में धर्मांतरण को लेकर चिंता व्यक्त करती है लेकिन अपनी ही केन्द्र सरकार को कानून बनाने के लिये उसने कोई प्रस्ताव पारित नही किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक भाजपा धर्मांतरण को लेकर ईसाइयों के ऊपर आरोप लगाती है लेकिन आरएसएस स्वयं ईसाई समुदाय के लिये क्रिसमस का भोज आयोजित करवाती है। संघ का यह दोहरा चरित्र यह बताने के लिये पर्याप्त है कि संघ के लिये धर्मांतरण और सांप्रदायिकता ऐसा राजनैतिक एजेंडा है जो वह समय-समय पर भाजपा की राजनैतिक जरूरतों के अनुसार बदलती रहती है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ विशेषकर बस्तर में धर्मांतरण को लेकर जो विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है उसके पीछे भाजपा का षड़यंत्र और पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की अदूरदर्शिता है। भारतीय जनता पार्टी के 15 सालों में छत्तीसगढ़ धर्मांतरण का केंद्र बन गया था। बस्तर के कुछ क्षेत्रों में जो स्थितियां पैदा हुई है उसके पीछे 15 सालो तक चली गतिविधियां जिम्मेदार है जिसको रोकने की दिशा में भाजपा की रमन सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया। तब धर्मांतरण की गतिविधियों को संचालित करने वालों का दखल तत्कालीन सीएम हाउस तक था, राज्य सरकार उनके प्रति नर्म सख्त अख्तियार किये हुये थी 2004 से 2018 तक बस्तर में अधिकांश चर्च बने। भाजपा के नेता मंत्री प्रार्थना सभाओं में शामिल हुआ करते थे। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 98 प्रतिशत चर्च भाजपा के रमन राज में बने। क्रोनोलॉजी समझिये अपने शासनकाल में धर्मांतरण करवाया तब भाजपा मौन थी आज भारतीय जनता पार्टी के नेता धर्मांतरण पर बयानबाजी कर प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिश में लगे है। भाजपा के पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष दंगे कर रहे है।