0 राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन
रायपुर। पहाड़ी कोरवा परिवार की सामूहिक आत्महत्या मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आज नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव, सांसद सुनील सोनी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक समेत भाजपा के नेताओं के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच करवाने हेतु ज्ञापन सौंपा।
इस मामले को लेकर मीडिया के साथ बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पहाड़ी कोरवा जनजाति परिवार की सामूहिक मौत अपने आप में एक बड़ी घटना है
साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रिवेंटिव ट्राइप्स के पी.टी.जी के एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत होती है और मुख्यमंत्री इतने असंवेदनशील हैं कि 2 अप्रैल को घटना होती है और अभी तक वहाँ जाकर उनके लोगों से मिले तक नहीं
इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमने महामहिम राज्यपाल से बात किया और मांग किया कि इसकी जाँच हाई कोर्ट के वर्तमान जज से करवाई जाए और समय सीमा पर उसके रिपोर्ट मंगाए ताकि पहाड़ी कोरवा जाती को पूर्ण सुरक्षा दिया जा सके
साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर भी पूर्व सीएम ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि केंद्र सरकार की सारी योजनाएं पी टी सी के लिए आती है और यहां उनके क्रियान्वयन का ये हाल है कि लोग आत्महत्या करने लिए मजबूर हैं, इस घटना की जब तक सही से जांच नही होगी तब तक सरकार की पूरी असफलता सामने नहीं आएगी, जिस प्रकार प्रिविटी टाइप्स के एक ही परिवार के चार लोगों ने आत्महत्या की है मुख्यमंत्री को एक मिनट अपने पद में रहने का अधिकार नहीं है।
पूर्व सीएम ने प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए चिंता व्यक्त की और कहा कि छत्तीसगढ़ में जिस प्रकार डेमोग्राफिक्स चेंजेस होने लगे हैं, जिस प्रकार एक समाज के लोग आतंक और भय फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, खुलेआम चौक में 15 लोगों द्वारा नवयुवक की लाठी, डंडो और चाक़ू से हत्या की गई यह यह सरकार की विफलता को दर्शाता है, ऐसी घटना प्रदेश के अलग अलग स्थानों में होती जा रही है, सरकार का अंकुश खत्म होते जा रहा है पुलिस अधिकारी निरकुंश होते जा रहे हैं और उनको लायन ऑर्डर से मतलब नहीं है। राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा देने में असफ़ल हो चुकी है और असमाजिक तत्वों का सीना चौड़ा होता जा रहा है।