(सत्यप्रकाश दुबे) रायपुर। राजधानी रायपुर में बड़े वाहनों की धमाचौकड़ी से आये दिन लोगों की जान जा रही है और पुलिस दोपहिया वाहनों के खिलाफ कार्यवाही कर खानापूर्ति कर रही है। ऐसे वाहनों पर सख्त कार्यवाही होनी ही चाहिए जो यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं लेकिन व्यवस्था में सुधार के पर्याप्त प्रयास जरूरी हैं। इन दिनों पुलिस मॉडिफाइड मोटर साइकल, ध्वनि प्रदूषण करने वाले वाहनों के वाहन चालकों पर कार्यवाही कर रही है। ऐसे में तीनपहिया एवं चारपहिया वाहन पर कार्यवाही कम कर दी है। यह विचित्र लग रहा है।
तेज रफ्तार से वाहन चलाने वालों से लेकर यातायत के नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर कार्यवाही हो रही है लेकिन पुलिस की निगाह से ऐसे चारपहिया वाहन बच रहे हैं, जो ब्लैक फ़िल्म एवं हूटर के साथ तेज रफ्तार से दौड़ रहे हैं। इन पर पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं की जा रही। तीनपहिया वाहन ओवर लोड चल रहे हैं। जिसमें मॉडिफाइड तीन पहिया माल वाहक वाहनों का प्रचलन राजधानी में तेजी से बढ़ता जा रहा है। ये वाहन बड़ी घटनाओं को आमंत्रण दे रहा है। इन वाहनों का परमिट दोपहिया वाहन के रूप में होता है लेकिन इन वाहनों को मॉडिफाइड कराकर तीन पहिया के रूप में परिवर्तन किया जा रहा है। जिससे सामान्य वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी पुलिस द्वारा ऐसे वाहनों पर कितनी कार्यवाही की गई? चार पहिया प्राइवेट वाहनों के चारों शीशे में ब्लैक फ़िल्म के साथ वाहन में क्या हूटर की अवैध सुविधा भी मिल रही है। लोग सवाल कर रहे हैं कि पुलिस द्वारा इस तरह के वाहन चालकों पर कार्यवाही आखिर क्यों नहीं हो रही है।