रायपुर। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की सरकार एवं यहां के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी व उनका मंत्रिमंडल, आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी गंभीरता नहीं दिखा रहा है वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पूर्व में जारी 58% आरक्षण पर माननीय उच्च न्यायालय में फैसले से पहले 22 बार पेशिया हुई
सरकार के पास पर्याप्त अवसर था। सरकार अपना पक्ष रख आदिवासियों का आरक्षण बचा सकती थी पर नही बचा सकी।
देवलाल ठाकुर ने कहा फिर सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटिशन लगाई गई जो तथ्यों के अभाव में खारिज हो गई।
जब 58 प्रतिशत आरक्षण का प्रकरण उच्चन्यायालय में सुनवाई चल रहा था तभी सरकार ने बगैर सक्षम प्रक्रिया के तहत 2019 में 82% आरक्षण का अध्यादेश लाया, जिसे राज्यपाल से साइन भी करवाया गया था फिर इस अध्यादेश को निश्चित समय में संवैधानिक प्रावधानों के तहत विधानसभा में प्रस्तुत नहीं किया गया जो कालातीत हो गया।
इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण का प्रावधान किया गया था सरकार के अकर्मण्यता के कारण यह समाप्त हो गया।
यह गंभीर टिप्पणियों के साथ न्यायालय में निराकृत हुआ जिसके कारण छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण स्थाई रूप से प्रभावित हुआ है।
देवलाल ठाकुर ने कहा उच्चन्यायालय में 58% आरक्षण सुनवाई के चलते हुए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने 82% का अध्यादेश लाया, जिसमे कमजोर आय वाले सामान्य वर्ग के लोगो के लिए भी 10प्रतिशत आरक्षण था जिसे कांग्रेस सरकार ने विधान सभा मे पारित नही कराया, जो पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के साथ कमजोर सामान्य वर्ग के साथ अन्याय है।
वर्तमान में 76% आरक्षण विधेयक पारित किया गया है जिसमें किसी भी चरण में सरकार ने कार्यपालिका नियम का पालन नहीं किया, विधि विभाग का अभिमत नहीं लिया, क्वांटिफिएबल डाटा प्रस्तुत नहीं किया गया जिसके कारण आज तक आरक्षण का बिल लटका पड़ा है।
कांग्रेस सरकार की ऐसी गलत नीतियों के कारण इस प्रदेश में आरक्षण बहाल नहीं हो पाया जिसका नुकसान प्रदेश में रहने वाले अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग सहित सामान्य वर्ग के कमजोर लोगों को हुआ है।जनता कांग्रेस के इस कृत्य को कभी माफ नही करेगी।