रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में आज शून्यकाल में चिटफंड घोटाले की रकम को लेकर काफी तनातनी के बाद भाजपा का स्थगन प्रस्ताव अमान्य कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल सहित भाजपा सदस्यों ने छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों से जनता की रकम वापस देने का वादा पूरा न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस संबंध में उसका स्थगन प्रस्ताव मंजूर कर सदन में चर्चा कराई जाए। भाजपा सदस्यों ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है। इस पर चर्चा होना चाहिए। सत्तारूढ़ पार्टी ने चिटफंड कंपनियों से जनता की रकम वापस लौटाने का वादा किया था। कुछ राशि लौटाई गई है लेकिन उसके विज्ञापन में बड़ी रकम खर्च की गई। अकेले सहारा में जनता का 3 हजार करोड़ रुपये फंसा हुआ है। जनता को चिटफंड कंपनियों में फंसी राशि देने का वादा जन घोषणा पत्र में किया गया था। कहा जा रहा है कि चिटफंड कंपनियों की जमीन नीलाम करके जनता को रकम लौटा रहे हैं। विपक्ष ने इसमें भी तौर तरीके को लेकर आपत्ति जताई। विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव के समर्थन में अपने विचार रखे। इस बीच सत्ता पक्ष की ओर से टोकाटोकी पर भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने शून्यकाल में मंत्रियों के खड़े होने पर ऐतराज किया।
पक्ष विपक्ष के बीच नोंकझोंक बढ़ने के बाद सभापति ने सदन में इस विषय पर हो चुकी चर्चा का हवाला देते हुए भाजपा का स्थगन प्रस्ताव खारिज कर दिया। इसके विरोध में भाजपा सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए नाराजगी जाहिर की। सत्ता पक्ष की ओर से मंत्री कवासी लखमा ने मोर्चा संभाला और चिटफंड घोटाले के लिए भाजपा पर निशाना साधा।