रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में आज राशन घोटाले के आरोप पर भारी हंगामा हुआ। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच नोंकझोंक के दौरान भाजपा सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। हंगामा बढ़ने पर अध्यक्ष चरणदास महंत ने 5 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्यों ने इस मामले की जांच विधायकों की समिति से कराने की मांग करते हुए नारेबाजी की। जिसके जवाब में कांग्रेस सदस्यों ने भी नान घोटाले को लेकर नारेबाजी की। इस टकराव के बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही फिर से स्थगित कर दी।
भाजपा सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से सवाल किया कि क्या शासन ने राशन दुकानों में आगामी दो माह के, शत प्रतिशत अनाज, शक्कर आवंटन संबंधी नियम बनाया है, यदि हां, तो कब से प्रचलन में है? क्या लगातार दो माह शत प्रतिशत अनाज, शक्कर आवंटन देने के बाद, तीसरे महीने, बीते दो महीनों में, वितरण के बाद बचे अनाज और शक्कर की मात्रा को घटाकर, तीसरे महीने शेष आवंटन देने का प्रावधान है? यदि हां, तो जनवरी 2022 से जनवरी 2023 तक की अवधि में, प्रदेश की राशन दुकानों में, शेष बचत की माहवार, जीन्स वार मात्रा और उसको घटाकर दिए गए, अनाज शक्कर की मात्रा का जिलावार, माहवार, जीन्स वार विवरण देवें? इस प्रकार अवशेष मात्रा की राशि का विवरण दिया जाए? क्या उपरोक्त प्रक्रिया का पालन सभी जिलों में किया गया है? यदि नहीं तो जिम्मेदार के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई?
डॉ. रमन सिंह के सवाल पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि राज्य शासन द्वारा ऐसा नियम नहीं बनाया गया है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर डॉ. रमन सिंह ने सवाल उठाते हुए राशन दुकानों में भंडारण को लेकर गरीबों के राशन में गोलमाल का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, ननकीराम कंवर, शिवरतन शर्मा, कृष्णमूर्ति बांधी, सौरभ सिंह, रंजना साहू, रजनीश सिंह, धर्मजीत सिंह ने विधायकों की समिति से जांच कराने की मांग की। मंत्री द्वारा विपक्ष की मांग स्वीकार न करने पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।