रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में आज नेता प्रतिपक्ष एवं अन्य भाजपा सदस्यों द्वारा प्रधानमंत्री आवास के लिए विधानसभा घेराव आंदोलन के संदर्भ में चर्चा कराये जाने दिया गया स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य किये जाने पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। शून्यकाल में इस मुद्दे पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच नोंकझोंक चलती रही। आसंदी पर विराजमान उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने स्थगन प्रस्ताव ग्राह्य करने के समर्थन में विपक्ष के सदस्यों के कथन सुनने के बाद प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया। इस पर विपक्ष ने असंतोष जाहिर करते हुए जमकर नारेबाजी की। आसंदी ने 5 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।
इसके पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास से लाखों लोगों के वंचित होने का उल्लेख करते हुए कहा कि आज प्रदेश भर से आवासहीन विधानसभा घेराव करने आये हैं। यह ऐतिहासिक प्रदर्शन है। गरीबों का प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आवासहीनों को आवास देने की क्रांतिकारी योजना शुरू की। पूरे देश में आवास बन रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना का काम ठप हो गया।
भाजपा सदस्य धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने गरीबों की आवास योजना को किनारे लगाने का काम किया। केवल 82 हजार आवास कांग्रेस सरकार में बने। हितग्राहियों को आवास से वंचित किया गया। केंद्र से 11 हजार करोड़ मिलने थे, उससे छत्तीसगढ़ के लोगों को काम मिलता। उन्हें भी वंचित किया गया। अजय चंद्राकर ने कहा कि 16 लाख आवास से गरीब हितग्राही वंचित हैं। जानबूझकर उन्हें आवास से वंचित रखा गया है। शिवरतन शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार के समय 8 लाख आवास बने लेकिन कांग्रेस सरकार राज्यांश नहीं दे रही। पुन्नूलाल मोहले ने कहा कि गरीब बेघर हैं। उनमें असंतोष व्याप्त है। गरीबों को आवास मिलना चाहिए।
कृष्णमूर्ति बांधी, डमरूधर पुजारी, रजनीश सिंह, रंजना साहू सहित भाजपा सदस्यों ने आवास हीन गरीबों की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि गरीबों को आवास देने कांग्रेस सरकार का कोई दृष्टिकोण नहीं है। गरीब भीख नहीं अपना अधिकार मांग रहे हैं। सत्ता पक्ष की ओर से इस बीच केन्द्रांश में कटौती को लेकर विपक्ष की घेराबंदी को तोड़ने की कोशिश की। पक्ष विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप चलता रहा। अंततः स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया गया।