0 पक्ष विपक्ष में नोंकझोंक, कार्यवाही तीन बार स्थगित
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन आज शून्यकाल में, बस्तर में भाजपा नेताओं की हत्या का मामला उठने पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जमकर नोंकझोंक हुई। आरोप प्रत्यारोप के दौरान भारी हंगामे की वजह से तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गई।
शून्यकाल शुरू होते ही भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने बस्तर में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या का मामला उठाते हुए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि बस्तर में भाजपा के चार नेताओं की टारगेट किलिंग हुई है। आदिवासी मारा जा रहा है। धर्मांतरण हो रहा है। उसे संरक्षण दिया जा रहा है। इस मामले में चर्चा में शामिल होते हुए भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने कहा कि सरकार के संरक्षण में धर्मांतरण हो रहा है। भाजपा नेताओं की टारगेट किलिंग हो रही है। बस्तर में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है। प्रतिपक्ष के आरोपों का सत्ता पक्ष ने विरोध किया। इस पर दोनों पक्षों के बीच जमकर नोंकझोंक हुई। सत्ता पक्ष ने कहा कि पूरे देश में अघोषित आपातकाल लगा है। इस पर हंगामा हुआ। आसंदी पर विराजमान उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने दस मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने इस मुद्दे पर सरकार पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि आपके लोगों की भी हत्या हुई है, जरा शर्म करो। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच फिर टकराव हुआ। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि भाजपा के राज में हमारे नेताओं को चुन चुन कर मारा गया। इसके बाद हंगामा बढ़ने पर सदन की कार्यवाही फिर स्थगित कर दी गई। जब फिर कार्यवाही आरंभ हुई तो हंगामे के बीच ध्यानाकर्षण पर चर्चा शुरू कराने का विपक्ष ने विरोध किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही तीसरी बार स्थगित कर दी गई।
आसंदी ने विपक्षी सदस्यों के गर्भगृह में आने पर डॉ. रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल, पुन्नूलाल मोहले, ननकीराम कंवर, अजय चंद्राकर, कृष्णमूर्ति बांधी, रंजना सिंह सहित अन्य सदस्यों को निलंबित कर दिया गया।