0 करोड़ों रुपये लैप्स होने की कगार पर – नेता प्रतिपक्ष
रायपुर। नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि सामान्य सभा आहूत नहीं किये जाने के कारण करोड़ों रुपये की राशि नगर निगम को नहीं मिल पायेगी।केन्द्र सरकार के द्वारा 15 वें वित्त आयोग से प्रत्येक वर्ष शहर की जनता के लिए करोड़ों रुपये की राशि मूलभूत सुविधा के लिए दी जाती है। वर्तमान में लगभग 200 करोड़ रुपये नगर निगम को स्वीकृत हैं, जिसे जल, वायु और एस.बी.एम. के तहत अलग- अलग मदों में खर्च करने हैं । नियमानुसार 15 वें वित्त के प्रस्तावित कार्य एम.आई.सी. से स्वीकृत होने के बाद सामान्य सभा में आते हैं। इसके बाद कार्यों का टेण्डर निकलता है।
15 वें वित्त से केन्द्र की सरकार ने शहर की जल व्यवस्था के लिए लगभग दो वर्ष में 55 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। जिसमें से एक रुपये का भी काम नहीं हुआ है। जल से संबंधित कार्ययोजना 09 नवंबर की एम.आई.सी. से स्वीकृत है और इसे सामान्य सभा में लाना था उसके पश्चात ही इसका टेण्डर लगना था। जिम्मेदार लोगों की लापरवाही की वजह से या विपक्ष के सवालों से बचने के लिए सामान्य सभा का आयोजन नहीं किया गया। परिणामस्वरूप उपरोक्त कार्यों का टेण्डर नहीं हो पाया और शहर की जनता फिर से एक बार गर्मी में पेयजल संकट से जूझेगी।
मीनल चौबे ने कहा कि 15 वें वित्त आयोग की राशि को अगर एक वर्ष के भीतर 70 प्रतिशत खर्च नहीं कर पायेंगे तो अगले वित्तीय वर्ष की राशि की स्वीकृति नहीं मिलेगी। इस प्रकार सामान्य सभा नहीं कराने के कारण रायपुर शहर की जनता करोड़ों रुपये के विकास कार्य से वंचित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि शहर की जनता टैक्स पटाती है और चुने हुए जनप्रतिनिधियों पर विश्वास करती है कि वे उसे मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करायेंगे। मगर शहर के मुखिया को जनता की परेशानियों से कोई मतलब नहीं हैं। गर्मी सिर पर है, समय पर अगर सारे कार्य हो जाते तो शहर में टैंकर की आवश्यकता नहीं पड़ती। इतने अधिकारी, कर्मचारी नगर निगम में हैं, वे कार्ययोजना तक नहीं बना पाते और भुगतना शहर की जनता को पड़ रहा है।