टीम कैट ने सांसद सुनील सोनी रायपुर लोकसभा से मुलाकात कर जीएसटी सरलीकरण तथा आम बजट हेतु आयकर सुझाव हेतु केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के नाम से ज्ञापन सौपा…

रायपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि टीम कैट ने सांसद सुनील सोनी, रायपुर लोकसभा से मुलाकात कर जीएसटी सरलीकरण तथा आम बजट हेतु आयकर सुझाव हेतु केन्द्रीय वित्तमंत्री  निर्मला सीतारमण के नाम से ज्ञापन सौपा।

कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष परमानन्द जैन एवं प्रदेश महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह ने बताया कि टीम कैट ने सांसद सुनील सोनी रायपुर लोकसभा से मुलाकात कर जीएसटी सरलीकरण तथा आम बजट हेतु आयकर सुझाव हेतु केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के नाम से ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में जीएसटी सरलीकरण एवं विसंगतियो तथा आम बजट हेतु आयकर पर सुझाव प्रस्तुत किये जो निम्नानुसार हैः-

जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव :-

1. इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर -2बी में परिलक्षित होनें पर ही मान्य होने संबंधी प्रावधानों को निरस्त किया जाए । यदि विक्रेता द्वारा रिटर्न प्रस्तुत करने एवं टैक्स भुगतान करने में त्रुटि या विलंब किया जाता है। तो इस हेतु विक्रेता पर कार्यवाही की जानी चाहिए न कि क्रेता का इनपुट टैक्स क्रेडिट अमान्य किया जाना चाहिए। इनपुट टैक्स क्रेडिट संबंधी अन्य समस्याओं का भी समाधान किया जाए। 2.जीएसटी प्रणाली में ब्याज की गणना के प्रावधान में परिवर्तन किया जाना चाहिए एवं ब्याज की गणना टैक्स भुगतान की तिथि के आधार पर की जानी चाहिए न की रिटर्न प्रस्तुत करने की तिथि के आधार पर। 3. त्ब्ड संबधित प्रावधानो से ऐसे व्यापारियों को छुट प्रदान की जानी चाहिए जो भुगतान किये गये त्ब्ड का इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने हेतु पात्र हो। 4. नियम 86 बी- त्मेजतपबजपवद वि प्ज्ब् जव 99ः निरस्त किया जाना चाहिए। 5. जीएसटी पंजीकरण निलंबन/निरस्तीकरण से संबधित नियम 21 के प्रावधानों को वापस लिया जाना चाहिए। 6. ई-इनवॉइसिंग को 1 अक्टूबर 2022 से रु. 10 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियां पर लागु किया गया है। इस प्रावधानों को वापस लिया जाना चाहिए। 7. ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती की गई है उसे वापस लेना चाहिए। 8. म्. प्दअवपबपदह की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए। 9. छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। 10. व्दम ज्पउम ।उदमेजल स्कीम लानी चाहिए। 11. जीएसटी का रजिस्ट्रेशन संरेडर करने के प्रावधानों का सरलीकरण किया जाना चाहिए। 12. माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित आ रही विभिन्न समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। 13. मासिक त्रैमासिक एवं वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत करने में आ रही विभिन्न समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। 14. फॉर्म जीएसटीआर 3बी मे नकारात्मक राशि को दर्ज करने की अनुमति दी जानी चाहिए। 15. प्ळैज् के भुगतान मे सीजीएसटी इनपुट के पहले, ैळैज् इनपुट के उपयोग का विकल्प दिया जाना चाहिए। 16. आंशिक रूप से /बिना नकद भुगतान के फॉर्म जीएसटीआर 3बी जमा करने का विकल्प दिया जाना चाहिए। 17. जीएसटी में विभिन्न वस्तुओं पर जीएसटी दर को युक्तियुक्त किया जाना चाहिए ।
आम बजट में आयकर हेतु सुझाव :-

1. टी.डी.एस. काटने के लिए बैंक के ब्याज मे 10,000/- रूपये तक तथा अन्य ब्याज पर 5,000/- रूपये तक के ब्याज की छूट है इस लिमिट को बढाकर 30,000/- कर दिया जाना न्यायसंगत होगा। इसमे बचत खाते के साथ ही एफ. डी. आर. खातो के ब्याज को भी सम्मिलित करना उचित होगा। 2. आयकर की छूट 5 लाख तक होनी चाहिए। 3. नगद लेन-देन की सीमा दस हजार से अधिक होनी चाहिए। 4. खरीदी बिक्री में टीडीएस/टीसीएस जो लग रहा है वह युक्ति संगत नहीं उसमें सुधार होना चाहिए। 5 धारा 80 डी :- जो मेडिक्लेम इंश्योंरेंस से संबधित है। चूंकि वर्तमान में मेडिकल इलाज महंगे हो गये है अतः इसकी सीमा 25,000/- को बढाकर कम से कम 50,000/- की महती जररूत है। 6. हाऊसिंग लोन मे ब्याज की छूट 2,00,000 रूपये छूट है उसे बढाकर 4 लाख किया जाना चाहिए ।

माननीय सांसद महोदय से मुलाकात में टीम के पदाधिकारी मुख्य रूप उपस्थित रहे :- विक्रम सिंह देव, परमानन्द जैन, सुरिन्दर सिंह, प्रीतपाल सिंह बग्गा, महेश खिलोसिया, जयराम कुकरेजा, महेन्द्र बागरोडिया, अवनीत सिंह, विजय पटेल, दीपक विधानी, रमेश कुमार खोडियार, हरसुख पटेल, सचिन सिंह सलूजा, आदि।

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