खड़गे जी, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस संगठन और सत्ता भूपेश बघेल की जेब में है- ठोकने

0 जो कसौटी पर खरा नहीं, उसे बदलने का हौसला दिखाएं – भाजपा

रायपुर। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता नलिनेश ठोकने ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की पहली बैठक में दिए गए संदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस के नेहरू गांधी परिवार की व्यक्तिगत कसौटियों पर भले ही खरे उतरते रहे हैं लेकिन वे मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष की कसौटी पर रत्ती भर भी खरे नहीं उतर सकते क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पसंदीदा नियुक्तियां पार्टी को खोखला बनाती हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी को खोखला करने का नेक काम भूपेश बघेल ने बखूबी किया है। कांग्रेस वैसे तो पूरे देश में खोखली हो चुकी है। परिवार विशेष के चाटुकारों को नियुक्त करना कांग्रेस का संस्कार रहा है और इसी संस्कृति की उपज भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में पसंदीदा नियुक्तियों का खेल खेलकर कांग्रेस को खोखला कर दिया है। सत्ता और संगठन में भूपेशवाद चल रहा है। यहां न कांग्रेस है और न ही सही मायनों में सरकार नाम की संस्था रह गई है। भूपेश बघेल की भ्रष्ट मंडली संगठन पर तानाशाही कर रही है व सत्ता में लूटखसोट कर रही है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नलिनेश ठोकने ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा सुनाई गई बातों का हवाला देते हुए सवाल किया है कि छत्तीसगढ़ में जो हुआ है, उसमें सुधार करने की जिम्मेदारी किसकी है? भूपेश बघेल से सुधार की कोई उम्मीद खड़गे नहीं कर सकते तब क्या वे सुधार के लिए स्वयं पहल करेंगे या खास कारणों से खानदान विशेष के कृपापात्र बघेल को उनकी मनमानी करने की छूट मिलेगी? अब तो यह नए आलाकमान की कमान के मान का सवाल है।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता नलिनेश ठोकने ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हालत अपनी आंखों से देखना चाहिए। उन्हें ज्ञात हो जायेगा कि परिवार विशेष ने 2018 में वही किया है जो 2000 में किया था। परिणाम वही सामने है। तब तीन साल कांग्रेस और छत्तीसगढ़ सरकार एक व्यक्ति की जेब में थी और अब चार साल से वही इतिहास दोहराया जा रहा है। संगठन के अध्यक्ष को रबर स्टैम्प जैसा बनाकर रख दिया गया है। कांग्रेस को सत्ता में लाने अहम भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ताओं पर दलाल हावी हैं और जन घोषणा पत्र के सूत्रधार खुद यह घोषणा करने विवश हैं कि चुनाव के पहले अपने भविष्य पर फैसला लेंगे। अब मल्लिकार्जुन खड़गे को समझ लेना चाहिए कि यहां कांग्रेस है कहां?

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