जीएसटी कांउन्सिल द्वारा जीएसटी में ग़ैर पंजीकृत विक्रेताओं को ई-कॉमर्स में व्यापार की अनुमति से देश में ई-कॉमर्स को बड़ा बढ़ावा…

0 इस बड़ी राहत के लिए कैट ने जीएसटी कांउन्सिल की सराहना की

रायपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि छोटे अपंजीकृत विक्रेताओं को ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से अपना माल बेचने की अनुमति देने के जीएसटी कांउन्सिल के निर्णय को एक बड़ा कदम बताते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज इसके लिए जीएसटी कांउन्सिल की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया और कहा कि ये एक प्रगतिशील निर्णय जिसकी कैट द्वारा पिछले दो वर्षों से अधिक समय से मांग की जा रही थी के होने से अब छोटे व्यापारी भी ई कॉमर्स के ज़रिए व्यापार कर सकेंगे।

कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री परमानन्द जैन ने कहा कि यह निर्णय छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स के माध्यम से अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए सशक्त बनाएगा और डिजिटल इंडिया विजन को देशभर में मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि देश में 8 करोड़ से अधिक छोटे व्यापारी हैं लेकिन बड़ी संख्या में व्यापारी जीएसटी पंजीकरण के बिना व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं क्योंकि उनकी वार्षिक बिक्री जीएसटी सीमा से बेहद कम है। ऐसे व्यापारी अब ई-कॉमर्स पर व्यापार कर सकेंगे जो कि एक बहुत बड़ी बात है।
श्री पारवानी और श्री जैन दोनों ने कहा कि, भारत तेजी से ई-कॉमर्स हब के रूप में उभर रहा है और ऑनलाइन कारोबार में जबरदस्त वृद्धि हो रही है। भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय अब कुल खुदरा का लगभग 10 प्रतिशत और वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ क्षेत्रों का लगभग 25-50 प्रतिशत है। इसे देखते हुए यह अत्यंत प्रासंगिक था कि छोटे वेंडर जिनका टर्नओवर छोटा है और जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं, वे ऑनलाइन कारोबार करने में सक्षम नहीं थे, जिससे बाजार और व्यापार के अवसरों का भारी नुकसान हो रहा था।

 

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