रायपुर। उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर एवं राज्य गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिरपुर कभी छत्तीसगढ़ की राजधानी थी। कभी शिक्षा और व्यापार का केंद्र। बौद्ध भिक्षुओं का यह केंद्र है। व्यापार और व्यवसाय का भी था केंद्र रहा। कई साल पुराना यहां का इतिहास। व्यापार-व्यवसाय आयुर्वेद और शिक्षा का केंद्र रहा है।
इस पवित्र जगह में पता नहीं कितने भिक्षुओं ने ध्यान किया होगा। नागार्जुन की यह तपोस्थली रही है।
कितनी संस्कृतियों के कितने लोग यहां आए होंगे। यह सोच कर ही मन रोमांचित हो जाता है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि 4 साल पहले जब सरकार बनी तो हमने किसानों से वादा किया था कि हम किसानों की ऋण माफी करेंगे, घरेलू बिजली बिल को आधा करेंगे।
देश में पहली बार भूमिहीन श्रमिकों के लिए योजना शुरू की गई। प्रदेश की जरूरतों को देखते हुए उन कामों को भी किया जिनका हमने वादा भी नहीं किया था।
छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी जैसी योजनाएं लाई, पानी को सही तरीके से खेत तक पहुंचाने का काम किया।
सरकार बनते ही हम मंत्रालय गए और कर्ज माफी का फैसला लिया। 25 सौ रुपये समर्थन मूल्य में धान खरीदने का निर्णय लिया।
हम राजीव गांधी किसान योजना के तहत हर साल किसानों को किश्त दे रहे हैं। इस योजना की चौथी किश्त वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले 31 मार्च से पहले मिल जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सोसायटियों की संख्या बढ़ाई और आज सोसायटियां दो हजार से ज्यादा है।
धान खरीदी केंद्र 2500 हैं, किसानों को अब ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। बारदाना की उपलब्धता है, साथ ही साथ पेमेंट भी 3 दिन के भीतर मिल जाता है।