शिक्षा विभाग में चल रहे खेल से शिक्षक विरोध पर उतरे…

0 आरोपों की बौछार, ठन चुकी है रार, नहीं मानेंगे हार, मुकाबले को तैयार

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक यूडीटी मंच एवं शिक्षक एल.बी. संवर्ग के प्रान्ताध्यक्ष जाकेश साहू ने बताया कि सहायक शिक्षकों की राज्य स्तरीय स्थानांतरण सूची जारी करने, कवर्धा के शिक्षकों को उनके स्थानांतरित, जिलों के लिये कार्यमुक्त करने बस्तर व सरगुजा के शिक्षकों को गैर अनुसूचित संभागों रायपुर, बिलासपुर एवं दुर्ग में स्थानांतरित करने व शिक्षक एवं व्याख्याताओं की पूरक स्थानांतरण सूची जारी करने की मांग को लेकर बूढ़ातालाब स्थित धरना-प्रदर्शन स्थल में एक दिवसीय धरना- प्रदर्शन कर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव एवं लोकशिक्षण संचालक के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

इसके अलावा प्रधान पाठकों सहित एक लाख पचास हजार शिक्षक एल.बी. संवर्ग का प्रथम सेवा गणना कर क्रमोन्नति एवं पुरानी पेंशन बहाली सहित समस्त लाभ देने, गैर पदोन्नत सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने, सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने हेतु गठित कमेटी का रिपोर्ट तत्काल सार्वजनिक करने, नवपदोन्नत प्रधान पाठकों एवं यूडीटी को पांच वेतन वेटेज देने, स्थानांतरित शिक्षकों, शिक्षकों की वरिष्ठता बहाल करने, यूडीटी के रिक्त पदों में वृद्धि करने अंग्रेजी एम.ए. संस्कृत एम.ए. बी. लिव, कॉमर्स स्नातक योग्यता धारियों को यूडीटी के पदों में अविलम्ब पदोन्नति देने, हिन्दी और संस्कृत को अलग-अलग विषय मानकर पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण करने, 2019 में संविलियन हुए शिक्षकों को भी वन टाइम रिलेक्शेशन का लाभ देकर पदोन्नति देने आदि की मांग को लेकर राज्य सरकार के नाम अलग-अलग ज्ञापन सौंपकर सभी मांगों को पूर्ण करने हेतु लिखित एवं मौखिक आग्रह किया गया।

कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष परसराम निषाद, केशव पटेल, उत्तम कुमार जोशी ने बताया कि मांगों को लेकर दिन भर धरना स्थल पर नारेबाजी की गई। संगठन ने कहा है कि यदि शीघ्र मांग पूरी नहीं की गई तो आंदोलन का विस्तार करते हुये प्रदेश भर में व्यापक स्तर पर धरना प्रदर्शन एवं हड़ताल करेंगे।

प्रान्ताध्यक्ष जाकेश साहू ने बताया कि प्रदेश के हजारों सहायक शिक्षकों ने स्थानांतरण हेतु विभाग में आवेदन लगाया है परन्तु आज तक सहायक शिक्षकों की राज्यस्तरीय स्थानांतरण सूची जारी नहीं हो पाई है, अनेक शिक्षक वर्षों से दूर-दराज में पदस्थ हैं, कई शिक्षक बीमार हैं, कईयों के माता-पिता व पारिवारिक सदस्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित है। फिर भी उनका स्थानांतरण नहीं हुआ। जबकि राजनीतिक पहुंच वाले शिक्षकों की आये दिन स्थानांतरण सूची निकल रही है ।कवर्धा के लगभग पौने दो सौ शिक्षकों का स्थानांतरण आदेश जारी हुआ है जिसमें राजनीतिक पकड़ वाले 50 से 70 शिक्षकों को कवधा डी.ई.ओ ने रातों-रात रिलीव कर दिया, परंतु ट्रांसफर हो चुके 105 शिक्षकों को विगत दो माह से रिलीवींग के लिये डी.ई.ओ. कवर्धा द्वारा बेवजह घुमाया जा रहा है। डी.ई.ओ. कवर्धा द्वारा कवर्धा में शिक्षकों की कमी बताई जा रही है अब सवाल यह उठता है कि जब कवर्धा में शिक्षकों की कमी है तो 50 से 70 स्थानांतरित शिक्षकों को क्यों रिलीव किया। सीधी सी बात है कि मनमर्जी कर तानाशाही और भेदभाव किया जा रहा है।
राज्य सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी में 10 प्रतिशत कर्मचारियों के स्थानांतरण का नियम है परंतु अभी तक मात्र 3 प्रतिशत शिक्षक और व्याख्याताओं का ही ट्रांसफर हुआ है। व्याख्याता और शिक्षकों की पूरक स्थानांतरण सूची आज तक जारी नहीं की गई है।
बस्तर और सरगुजा में पदस्थ राजनीतिक पहुंच वाले शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया गया परंतु जो इस वर्ष आवेदन लगाए है उनको नियम-कानूनों का हवाला देकर गैर अनुसूचित संभागों रायपुर, दुर्ग एवं बिलासपुर में ट्रांसफर नहीं किया जा रहा, जो गलत है। अतः वन टाइम रिलेक्शन का लाभ देते हुये इनका भी स्थानांतरण किया जाए।

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