0 भाजपा अपने राजनैतिक वजूद को बचाने आंदोलन की नौटंकी कर रही
0 छत्तीसगढ़ में देश की सबसे सस्ती बिजली
रायपुर। बिजली बिल को लेकर भाजपा के आंदोलन को कांग्रेस ने भाजपा की नई नौटंकी बताया हैं। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बिजली को लेकर भाजपाई घड़ियाली आंसू बहा रहे है।भाजपाई अपने राजनैतिक वजूद को बचाने आंदोलन की नौटंकी कर रही है। छत्तीसगढ़ में आज भी देश की सबसे सस्ती बिजली बिल मिलती है। छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां 400 यूनिट तक बिजली का दाम आधा लगता है। देश भर के भाजपा शासित राज्यों यूपी, एमपी जैसे राज्यो में तो जनता को बमुश्किल 15 घंटे बिजली मिलती है। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भूपेश सरकार में 2 बार बिजली के दामों में कटौती की गयी है। राज्य में घरेलू बिजली के दामों के साथ उद्योगो की भी बिजली के दामों बढ़ोत्तरी मात्र कुछ पैसो की तब की गयी थी जब मोदी सरकार ने विद्युत निर्माण कंपनी को महंगा, विदेशी कोयला उपयोग का फर्मान जारी किया। रमन सरकार ने 15 साल में 14 बार बिजली के दाम बढ़ाया था। जिसमें 5 बार तो वी.सी.ए के नाम पर बिजली के दाम बढाये गये थे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार केन्द्र सरकार की तमाम अवरोधों के बावजूद अपने राज्य के उपभोक्ताओं को सस्ते दर में बिजली देने को प्रतिब्द्ध है। कांग्रेस सरकार 400 यूनिट तक की बिजली का दाम आधा ही लेती है। 44 लाख उपभोक्तओं को 400 यूनिट तक बिजली आधे दाम में मिल रही है। देश की अकेली राज्य सरकार भूपेश सरकार है जो 400 यूनिट तक बिजली आधे दाम में दे रही है। इस मामूली बढ़ोत्तरी के बावजूद देश में सबसे सस्ती बिजली छत्तीसगढ़ में है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केन्द्र सरकार ने फरमान जारी किया है कि देश के सभी विद्युत कंपनी को 10 फीसदी अयातित कोयला उपयोग करना होगा। जो हमारे राज्य की कोयले की कीमत से अयातित कोयला की कीमत लगभग 4 से 6 गुना ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में विद्युत कंपनी के साथ देश भर में बिजली उत्पादन लागत बढ़ गयी। इससे बिजली के दामों में 30 पैसे की मामूली बढ़ोत्तरी करनी पड़ी। इसमें भी उपभोक्ता के ऊपर मात्र 15 पैसे का ही भार आयेगा शेष 15 पैसे राज्य सरकार वहन करेगी। यह बढ़ोत्तरी मोदी सरकार की अकर्मण्यता तथा मोदी के अडानी प्रेम के कारण हुयी है। मोदी सरकार को यह मालूम है कि देश भर की विद्युत कंपनिया 10 फीसदी तक अयातित कोयला का उपयोग करेगी तो उनकी मजबूरी होगी कि वह अडानी से कोयला खरीदेगी। देश का सबसे बड़ा कोयला आयातक अडानी समूह है। अडानी को फायदा पहुंचाने के लिये ही केन्द्र सरकार ने ये फरमान जारी किया है। जिसका खामियाजा देश भर की जनता को भुगतना पड़ रहा है।