भाजपा नेता का राज्यपाल से मिलकर आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने की मांग करने से भाजपा का आरक्षण विरोधी चरित्र सामने आया – धनंजय सिंह

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कूट रचना कर षड्यंत्र रच कर भाजपा नेता को राजभवन भेजकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से पास 76 प्रतिशत आरक्षण के विधेयक पर राज्यपाल को हस्ताक्षर नहीं करने की मांग करवा रहे है। भारतीय जनता पार्टी का एक वरिष्ठ नेता प्रतिनिधिमंडल के साथ 7 दिसंबर को राजभवन जाकर राज्यपाल से विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने की मांग किया यह खबर सभी अखबारों में छपी है। भाजपा नेता के द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने की मांग करना भाजपा के आरक्षण विरोधी चरित्र को उजागर किया है। भाजपा बेनकाब हो गयी है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा प्रदेश के आदिवासी वर्ग, ओबीसी वर्ग, एससी वर्ग और ईडब्ल्यूएस को मिलने वाले 76 प्रतिशत आरक्षण के कानूनी अधिकार को रोकने के लिए राज्यपाल से आरक्षण विधेयक में हस्ताक्षर नहीं करने की मांग कर रही है। भाजपा लगातार आरक्षण के खिलाफ काम कर रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश के आरक्षित वर्ग को आरक्षण का लाभ देने जब विधानसभा का विशेष सत्र का आयोजन की तभी भाजपा के नेता इस आरक्षण को रोकने के लिए विधानसभा के विशेष सत्र का विरोध कर रहे थे और जब विधानसभा का विशेष सत्र हुआ और उसमें आरक्षण विधेयक लाया गया तब भी भाजपा से जुड़े विधायकों ने हंगामा कर, अभद्र व्यवहार कर इस आरक्षण विधेयक को रोकने का षड्यंत्र किया।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार भाजपा के आरक्षण विरोधी षड़यंत्र कुचक्र को पार कर प्रदेश के आदिवासी वर्ग, ओबीसी वर्ग, एससी वर्ग और ईडब्ल्यूएस वर्ग को 76 प्रतिशत आरक्षण देने के कानूनी अधिकार से संबंधित विधेयक को पास करवाया है और राजभवन हस्ताक्षर के लिए भेजा है अब भाजपा राजभवन में भी इस आरक्षण को रोकने का षड़यंत्र भाजपा रच रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार ने आदिवासियों को 32 प्रतिशत आरक्षण देने विपक्ष को न्यायालय में नहीं रखा था, एससी वर्ग के आरक्षण में 4 प्रतिशत कटौती किया था, दो वर्गों में मतभेद करवाकर, झगड़ा करवाया उस गलती को सुधारने का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने किया है। सभी पहलुओं पर गंभीरतापूर्वक विचार कर एक मजबूत आरक्षण विधेयक लाया है।

 

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