रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज आरक्षण के मुद्दे पर अभूतपूर्व हंगामे के बीच अध्यक्ष चरणदास महंत ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद मंत्री शिव डहरिया की टिप्पणी से माहौल अशांत हो गया और भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर तथा मंत्री शिव डहरिया आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों के वरिष्ठ सदस्यों ने इन्हें अलग अलग कराया।
इसके पूर्व सदन की कार्यवाही के दौरान भाजपा के वरिष्ठ सदस्य बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ने सवाल उठाया कि आरक्षण के मामले में नियम कायदे परंपरा की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। आरक्षण के प्रस्ताव का समर्थन है लेकिन यह चर्चा भानुप्रतापपुर उपचुनाव के बाद कराई जाए। आरक्षण को राजनीति से जोड़ा जा रहा है। सरकार स्वयं सुप्रीम कोर्ट गई है तब क्या सरकार को सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अब तक सरकार ने कुछ नहीं किया और 5 दिसंबर को भानुप्रतापपुर उपचुनाव है तो निर्वाचन आयोग से जानना चाहिए कि ऐसी स्थिति में आरक्षण विधेयक पर चर्चा की जा सकती है या नहीं। इस पर अध्ययन ने संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे से जवाब देने कहा। इस बीच मंत्री शिव डहरिया, कवासी लखमा, अमरजीत भगत ने विपक्ष को आरक्षण विरोधी ठहराया। मंत्रियों की टोकाटाकी का विपक्ष ने विरोध किया। अध्यक्ष ने मंत्री शिव डहरिया को बैठने के लिए कहते हुए कहा कि विपक्ष की सुनें फिर जवाब दें। वरिष्ठ सदस्य धर्मजीत सिंह ने भी सत्तापक्ष की टोकाटाकी का विरोध किया। वाद विवाद बढ़ता देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।