0 भाजपा के 15 साल के कुशासन में 6 बार पीएससी की भर्ती ही नहीं कर पाए, अब चार साल में पांचवी बार हो रही भर्ती प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं
रायपुर। आरक्षण और पीएससी भर्ती प्रक्रिया पर भारतीय जनता पार्टी के बयान पर कड़ा प्रतिवाद करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रमन सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण में 4 प्रतिशत की कटौती की। प्रभावित वर्ग से बिना चर्चा बिना सहमति के एससी वर्ग का आरक्षण 16 परसेंट से घटाकर 4 परसेंट किया गया। भाजपा के इस अधिनायकवादी रवैया से व्यथित होकर प्रभावित वर्ग के प्रतिनिधियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। रमन सरकार ने आरक्षित वर्ग के हितों के खिलाफ़ षडयंत्र पूर्वक न्यायालय में आंकड़े छुपाए। विगत दिनों पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठतम आदिवासी विधायक ननकीराम कंवर ने भी रमन सरकार के आरक्षण विरोधी कृत्य को उजागर किया था। माननीय बिलासपुर उच्च न्यायालय के फैसले में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि सीएस और ननकीराम कमेटी के दस्तावेजों को न्यायालय में प्रस्तुत ही नहीं किया गया। कमेटी के महत्वपूर्ण दस्तावेजों का जिक्र ना शपथ पत्र में था और ना ही 2018 के पूर्व दाखिल मूल जवाब और संशोधित जवाब में। भूपेश बघेल सरकार आने के बाद जब न्यायालय में उक्त दस्तावेजों को प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी गई तो न्यायालय ने इसी आधार पर खारिज कर दिया कि पूर्ववर्ती रमन सरकार को पर्याप्त समय दिया गया था और उक्त दस्तावेजों का जिक्र शपथ पत्र में भी नहीं है। अब छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता केवल चुनावी लाभ के लिए गलत बयानी कर भ्रम फैला रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रमन सरकार के दौरान 15 साल में केवल 9 बार ही पीएससी की भर्ती की गई, अर्थात 6 साल पीएससी की भर्ती ही नहीं हुई। वर्तमान भूपेश बघेल सरकार में पिछले 4 साल में चार बार नियमित भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब पांचवी भर्ती प्रक्रिया शुरू किया गया है। आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्थानीय युवाओं के सरकारी नौकरी के अधिकार को बेचने वाले भाजपाई नियमित और स्थाई भर्ती का विरोध कर अपने युवा विरोधी चरित्र को प्रदर्शित कर रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली विभाग, राजस्व, वन, पुलिस, सिंचाई विभाग सहित अनेकों विभागों में नियमित भर्ती हो रही है। नई औद्योगिक नीति के माध्यम से निजी संस्थानों में भी बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर मिले हैं। नौकरियों के साथ ही किसान, कृषि मजदूर, वनोपाज संग्राहकों को भी उनका अधिकार मिलने लगा है। छत्तीसगढ़ में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि आई है। रमन राज के कुशासन, वादाखिलाफी, कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की कालिख उजागर होने और भूपेश बघेल सरकार के जनहितेषी योजनाओं की लोकप्रियता से मुद्दाविहीन हो चुके भाजपाई अब अनर्गल बयानबाजी करने लगे हैं।