मुख्यमंत्री ने कहा कि 43 विधानसभा में भेंट-मुलाकात हो चुकी है। कल का अनुभव बहुत अच्छा रहा।
जनता का उत्साह देखकर बहुत अच्छा लगता है। हमारी योजनाएं लोगों तक पहुंच रही हैं।
कल पैरादान भी हुआ, इससे अन्य किसान भी उत्साहित होंगे।
मैं आपसे भी अनुरोध करता हूँ कि पैरादान को प्रेरित करें।
सड़कों को लेकर कुछ शिकायत आई है। दिसंबर तक इनके संधारण के निर्देश दिए हैं। नई सड़कों के लिए भी कहा है।
15 करोड़ रुपये अब तक 19 हजार चिटफंड के निवेशकों को दिए जा चुके हैं। कल डायलिसिस यूनिट भी आरम्भ किया।
राजनांदगांव शहर के सौंदर्यीकरण के लिए 4 करोड़, मोहरा पुन्नी मेला स्थल विकास के लिए 2 करोड़ और शहर के भीतर अन्य विकास कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये, कुल मिलाकर शहर के विकास के लिए 7 करोड़ रुपये दिए हैं।
कोदो कुटकी जैसे वनोपजों का वैल्यू एडिशन कर रहे हैं। सरगुजा में देखें तो जवाफूल होता है, वहां हालर मिल लगा दी गई है, किसानों को जवाफूल का दाम अच्छा मिल रहा है।
गौठान में बहुत सी गतिविधि शुरू की गई हैं । रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के माध्यम से 600 करोड़ निवेश किये जा रहे हैं ताकि ग्रामीण उद्यमियों को बढ़ावा दे सके।
युवा उद्यमियों के लिए बड़ी संभावना है। अब 300 रीपा के माध्यम से इसे बढ़ावा मिलेगा।
हमारे आईटीआई पुराने ट्रेड पर काम कर रहे थे। हमने नए ट्रेड भी जोड़े हैं ताकि नए समय के मुताबिक युवाओं का कौशल संवर्धन कर सकें।
टाटा समूह से भी अभी बात हुई है। हम उद्यम का शानदार माहौल बना रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज तक लोगों को ले जाने ई-रिक्शा के लिए स्व-सहायता समूहों को मदद करने के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपका सुझाव अच्छा है, व्यवस्था कराई जाएगी।
राजनांदगांव में तहसील कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और अधिकारियों के मोबाइल नंबर साझा किए गए हैं। क्या यह व्यवस्था अन्य तहसीलों में भी होगी।
इस प्रश्न के उत्तर पर उन्होंने कहा कि पारदर्शिता का यह काम बहुत अच्छा है। इसे अन्य जगहों पर भी फॉलो करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा सबसे ज्यादा जोर मेडिकल एजुकेशन पर है।
चार साल में ही हमने मेडिकल एजुकेशन का विस्तार किया। इससे हेल्थ का बढ़िया इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदेश में खड़ा होगा।
शहरी युवाओं के बारे में आए एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा है कि सुदृढ गांवों के आधार पर विकसित शहर तैयार आते हैं। पहले लोग गांव से शहर की ओर जाते थे अब किसान हितैषी योजनाओं से यह उलट गया है। शहरों पर दबाव घटा है। आर्थिक रूप से गुलज़ार होने से गांव शहरी अर्थव्यवस्था को पंप कर रहे हैं।
रीपा में हम सभी उद्यमियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी संस्कृति का संरक्षण भी अहम जरूरत है। इसके लिए कार्य कर रहे हैं। आदिवासी महोत्सव के माध्यम से और अन्य माध्यम से हम ये कर रहे हैं।