कवर्धा। विधि विशेषज्ञ अविभाजित मध्य-प्रदेश एवं कवर्धा के गौरव चन्द्रनाथ झा आज प्रात:स्वर्गलोक गमन कर गये।
6अक्टूबर 1932 को अंजनिया म.प्र.में आपका जन्म कवर्धा के प्रतिष्ठित राजगुरु परिवार में हुआ था। एमए,एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त विधि विशेषज्ञ थे। आपने एक अधिवक्ता के रूप में 1966 में पंजीयन पश्चात प्रेक्टिस प्रारम्भ की। एक आदर्श अधिवक्ता के रूप में जाने जाते हैं। आपने कवर्धा का सम्मान राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया, जब आपने स्व.लक्ष्मण प्रसाद तंबोली के साथ मिलकर म.प्र.आबकारी विधि संग्रह, म.प्र.आवश्यक वस्तु मैन्युअल तथा हिन्दू विधि कानून की पुस्तकों का लेखन कर भारत सरकार से राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त किया। आपने वन विधि संग्रह, म.प्र.पालिका अधिनियम, कृषि उपज मण्डी अधिनियम, हिन्दू विधि डाइजेस्ट आन एम पी केसेज जैसी 32 विधि पुस्तकों का लेखन किया।
आपको 1979,1983 और 1986 में पुरस्कार प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ गठन के बाद विधि के लिए प्रतिष्ठित राज्य अलंकरण बैरिस्टर छेदीलाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आप छत्तीसगढ़ ला जजमेंट एवं छग रेवेन्यू जजमेंट पत्रिका के प्रधान संपादक रहे हैं।
कवर्धा जिला निर्माण के लिए आपने कांग्रेस के सक्रिय सदस्य की हैसियत से आन्दोलन किया।आप भोरमदेव तीर्थ प्रबंध कारिणी समिति के सदस्य भी रहे। अस्वस्थता के बीच आपने बिलासपुर में चिकित्सा के दौरान 18 नवंबर को अंतिम सांस ली।