भानूप्रतापपुर चुनाव के बाद डॉ रमन सिंह पांचवी बार लेंगे हार की नैतिक जिम्मेदारी-कांग्रेस

रायपुर। कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी के नामंकन के साथ ही भानूप्रतापपुर उपचुनाव में कांग्रेस के जीतने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। भानूप्रतापपुर जीत के साथ कांग्रेस 4 साल में 5 उपचुनाव जीतने का रिकार्ड बनायेगी। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भानूप्रतापपुर उपचुनाव के परिणाम के बाद पांचवी बार उपचुनाव में भाजपा की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेंगे। बीते 4 साल में प्रदेश में विधानसभा के चार उपचुनाव हुए चित्रकोट दंतेवाड़ा, मरवाही और खैरागढ़ एवं नगर निगम नगर पालिका,नगर पंचायत और जिला पंचायत की चुनाव हुई जिसमें भाजपा को मुहँ की खानी पड़ी थी अब भानुप्रतापपुर के उप चुनाव में भी भाजपा की करारी हार होगी प्रदेश की जनता भाजपा के दगाबाजी चरित्र से वाकिफ है 15 साल के सरकार के दौरान भाजपा ने किसानों नौजवानों आदिवासियों माता बहनों के साथ किये वादे को पूरा नहीं किया बल्कि ऐसी नीतियां बनाएं जिससे इनका सिर्फ शोषण हुआ था।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह अब ट्विटर के नेता बन गये है आम जनता किसान मजदूर महिलाओं से उनका कोई सरोकार नहीं रहा है। सुबह सोकर उठते हैं और अपने पीआर कंपनी से एक बाइट बनाते हैं और बाइट को जारी कर फिर सो जाते हैं ट्विटर में झूठ फरेब की राजनीति करते है और उसी झूठ फरेब में खुद भी फंस जाते हैं। और भाजपा भी डॉ रमन सिंह को अब ट्विटर और सोशल मीडिया तक ही सीमित रखी है जब कोई झूठ बोला ना हो फर्जी आंकड़े जारी करना हो तब रमन सिंह जी को भाजपा याद करती है क्योंकि झूठ बोलने में रमन सिंह जी को महारत हासिल है जो भाजपा 15 साल तक रमन सिंह के गुणगान करते रही है अब उसी रमन सिंह के चेहरे से भाजपा पिंड छुड़ाने की जुगत में है कई बार भाजपा के प्रभारियों ने रमन सिंह के चेहरा को चेहरा मानने से इनकार कर दिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि रमन सिंह मुख्यमंत्री रहते आदिवासियों से किये वादे को पूरा नहीं किया आदिवासी परिवार को 10 किलो दूध देने वाली जर्सी गाय एवं उनके एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया था। किसानों को धान की कीमत 2100रु समर्थन मूल्य और 300 रु बोनस प्रति क्विंटल देने का वादा कर पूरा नहीं किया। 12वीं पास युवाओं को 500 रु बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया पूरा नहीं किया।बस्तर के आदिवासी बालिकाओं को शराब परोसने की ट्रेनिग दे रहे थे। बस्तर के लोहण्डीगुड़ा में 1700 आदिवासी परिवार को जमीन से बेदखल कर दिया था उनकी जमीन हड़पने के लिए रमन सरकार ने बंदूक लाठी और जेल का सहारा लिया था और 42 00 एकड़ जमीन को कब्जा किया था। जिसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने लौटाया है। रमन सरकार के दौरान बस्तर के 700 गांव में रमन सरकार के अत्याचार का भय दिख रहा था वह अपने घर को छोड़कर पलायन कर गए 100 से अधिक गांव में आग लगा दी गई थी। निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर जेल में बंद कर दिया गया था रमन सरकार के अत्याचार पूरे प्रदेश में देखा।

 

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