0 कांग्रेस हर वर्ग को उनका आरक्षण का अधिकार देने प्रतिबद्ध
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 103 वें संविधान संशोधन को बरकरार रखने संबंधी सर्वोच्च न्यायालय के आज के निर्णय का स्वागत करती है, जिसमें अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के अलावा अन्य जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। यह संशोधन वर्ष 2005-06 में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा सिन्हो आयोग की नियुक्ति के साथ शुरू की गई प्रक्रिया का परिणाम था, जिसने जुलाई 2010 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इसके बाद, इस पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया और विधेयक 2014 तक तैयार हो गया था। मोदी सरकार ने इस विधेयक को कानून की शक्ल देने में पांच साल का समय लगा दिया। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि सामाजिक-आर्थिक और जातिगत जनगणना वर्ष 2012 तक पूरी हो चुकी थी, मोदी सरकार ने अभी तक ताजी जाति जनगणना पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार एसटी एससी ओबीसी और सामान्य जाति को आर्थिक आधार पर मिलने वाले आरक्षण का लाभ देने के पक्षधर हैं हर वर्ग के साथ न्याय करती है आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ न्यायालय के द्वारा दी गई फैसले को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देगी और आदिवासियों को 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिले इसके लिए सारे विकल्पों को तलाश रही है। आवश्यकता पड़ने पर विधानसभा का विशेष सत्र एवं अध्यादेश लाने से भी पीछे नहीं हटेगी।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आरएसएस भाजपा और उनके अनुषांगिक संगठनों से जुड़े नेताओं ने कई बार सार्वजनिक मंचों के माध्यम से आरक्षण को खत्म करने की बात कही है। आरक्षण के विरोध बात कही है और 15 साल के रमन शासनकाल के दौरान आदिवासियों को 32 प्रतिशत आरक्षण दिया गया लेकिन एससी वर्ग को मिल रहे आरक्षण में 4 प्रतिशत की कटौती कर दी गई और दो वर्गों में लड़ाई उत्पन्न कर दिया गया। जिसके चलते मामला न्यायालय में गया और न्यायालय का फैसला आदिवासी वर्ग 32 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ आया है इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा कभी नहीं चाहती थी कि एसटी वर्ग को एससी वर्ग को ओबीसी वर्ग को उनका हक अधिकार मिले और आज और साबित हो गया है आज भाजपा का आदिवासी विरोधी चेहरा उजागर होने के बाद भाजपा आदिवासी आरक्षण खत्म होने पर घड़ियाली आंसू बहा रही है और भाजपा से जुड़े आदिवासी नेता रमन सरकार की काली करतूत पर पर्दा करने में जुटे हुए हैं।