छंटाई की आड़ में अवैध कटाई, वनभूमि पर बेजा कब्जा…

0 जंगल अफसरों की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश

0 कोताही बरत रहे हैं बकावंड रेंज के कर्मचारी

(अर्जुन झा)

जगदलपुर। जल, जंगल, जमीन पर स्वाभाविक हक रखने वाले ग्रामीणों में इस बात पर भारी आक्रोश है कि वन परिक्षेत्र बकावंड में पेड़ों की छंटाई के नाम पर जंगलों का सफाया किया जा रहा है। लकड़ी तस्कर छंटाई की आड़ में पेड़ों की बेतहाशा कटाई कर रहे हैं। वहीं जंगलों को मैदान में तब्दील कर वनभूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है।जंगल महकमे के अधिकारी कर्मचारी जानबूझकर आंखें बंद किए बैठे हैं। लकड़ी तस्करों को उनका खुला संरक्षण मिला हुआ है।
बकावंड वन परिक्षेत्र के अंतर्गत
ग्राम पंचायत जुनावनी, झार उमरगांव, उलनार, कोसमी के जंगलों में इन दिनों पेड़ों की छंटाई का काम कराया जा रहा है। दरअसल छंटाई करने से पेड़ों की बढ़वार में मदद मिलती है, लेकिन यहां तो उल्टा ही हो रहा है। छंटाई की आड़ में पेड़ों की धड़ल्ले से अवैध कटाई चल रही है। ओडिशा की सीमा से लगे इन जंगलों में लकड़ी माफिया जमकर वन विनाश को अंजाम देने में लगे हुए हैं। जंगल तेजी से मैदान में तब्दील होते जा रहे हैं। इस जमीन पर लोग अवैध कब्जा करने लगे हैं। अब जंगलों में बस्तियां बसाने की तैयारी चल रही है। कहा जा रहा है कि बकावंड वन परिक्षेत्र के विभागीय अधिकारी – कर्मचारियों को सारा वाकया मालूम है, लेकिन वे सब कुछ जानते हुए भी आश्चर्यजनक ढंग से अनजान बने हुए हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि कथित संरक्षण में ही सारा खेल चल रहा है। लकड़ी तस्करों का हौसला बुलंद है और कुछ ग्रामीण भी इस जंगल छंटाई पर अवैध कटाई का लाभ ले रहे है।

पर्यावरण की है चिंता: कश्यप

ग्राम पंचायत जुनावनी के सरपंच मधुराम कश्यप ने इस क्षेत्र में चल रही पेड़ों की अवैध कटाई तथा पर्यावरण को पहुंचाई जा रही क्षति पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने वनकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग के अधिकारी कर्मचारी वनों की सुरक्षा के प्रति जरा भी गंभीर नहीं हैं। लकड़ी माफिया से वनकर्मियों की साठगांठ है। रेंजर, डिप्टी रेंजर, बीट गार्ड, वन सुरक्षा समितियों से जुड़े लोग जंगल बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। जंगलों का नियमित निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। जंगलों की सुरक्षा को लेकर ग्रामीणों के साथ बैठक नहीं की जाती। पेड़ों की अवैध कटाई और वनभूमि पर हो रहे अतिक्रमण की शिकायत वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से भी की जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

अफसर राजनीति में व्यस्त

ग्रामीणों का कहना है कि बकावंड में पदस्थ वन विभाग के अफसर अपने कार्य क्षेत्र के जंगलों का दौरा करने में जरा भी दिलचस्पी नहीं दिखाते। उनका आरोप है कि अफसर अपनी ड्यूटी पर ध्यान न देकर राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं। लेकिन जहां कमाई की बात आती है, वहां आगे जरूर नजर आते हैं। शिकायत है कि इस वन परिक्षेत्र के धार उमरगांव और आसना के जंगलों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कैम्पर मद से कराए जा रहे तटबंध कार्य में भारी अनियमितता बरती जा रही है। देवगुड़ी निर्माण में भी घोटाला किया गया है। इसे लेकर विधायक लखेश्वर बघेल नाराजगी भी व्यक्त कर चुके हैं।

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