अब तक 17 करोड़ को नौकरी का वायदा, 22 करोड़ ने आवेदन किया, दे रहे मात्र 75 हजार को नौकरी- धनंजय सिंह

रायपुर। मोदी सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के मात्र 252 लोगों को नियुक्ति पत्र देने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अब तक 17 करोड़ को नौकरी का वायदा था, 22 करोड़ ने आवेदन किया था, और मात्र 75 हजार को नियुक्ति पत्र दिया गया। मोदी भाजपा सरकार की कथनी और करनी में अंतर है वादाखिलाफी करना भाजपा का ऐतिहासिक चरित्र बन गया है। दो करोड प्रतिवर्ष रोजगार के वादा अनुसार छत्तीसगढ़ के हिस्सा में वर्तमान में 30 लाख नियुक्ति पत्र मिलना था मोदी सरकार ने मात्र 252 नियुक्ति पत्र जारी कर छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ धोखा किया है।मोदी सरकार ने मात्र 75 हजार नियुक्ति पत्र वितरित कर बीते 8 साल से दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष मिलने का इंतजार कर रहे करोडो युवाओं के जख्मों पर नमक छिड़कने काम किया है।मोदी भाजपा ने सरकार बनने पर प्रतिवर्ष दो करोड रोजगार उपलब्ध कराने का वादा कर युवाओं से वोट बटोरा था और सत्ता मिलने के बाद युवाओं को रोजगार देना दूर की बात 23 करोड हाथों से रोजगार छीना है। बेरोजगारी के मामले में देश आज 45 साल पीछे की स्थिति में खड़ा हुआ है।मोदी भाजपा की सरकार ने लोकसभा चुनाव में किये दो करोड़ रोजगार के वादों को पूरा नही किया। वादानुसार बीते 8 साल देश के लगभग 17 करोड युवाओं को रोजगार मिलना ऐसे में 75 हजार नियुक्ति पत्र बांट कर अपनी पीठ थपथपा ने वाली मोदी सरकार को 16 करोड़ 99 लाख 25 हज़ार युवाओं को बताना चाहिए कि उनको रोजगार कब मिलेगा?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत विश्व का सबसे युवा राष्ट्र है यहां कामकाजी उम्र के 60 प्रतिशत लोग बेरोजगार हैं 20 से 24 वर्ष की उम्र के 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं बीते 8 साल में केंद्र सरकार के पास 22 करोड़ लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया बेरोजगारी की मार सबसे ज्यादा महिलाओं पर पड़ी है 26 प्रतिशत महिलाओं का लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट गिरकर 15 प्रतिशत तक आ गया है। केंद्र और राज्य सरकारों के 60लाख सरकारी पद रिक्त है इस पर नियुक्ति क्यों नहीं करवाई जा रही है? सबसे ज्यादा रोजगार सृजन करने वाले छोटे लघु मध्यम उद्योगों के लिए केंद्र सरकार के पास कोई नीति क्यों नहीं है ? निजी क्षेत्रों में निवेश बंद है केन्द्र सरकार की नीतियों पर उनको भरोसा नहीं है युवाओं को स्थाई रोजगार देने के बजाय 4 साल के ठेके पर रखकर 23 वर्ष की आयु में रिटायर करने का षड्यंत्र क्यों किया जा रहा है?

 

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