कैट एक और विजय की ओर जीएसटी कर विवादों को निपटाने के लिए एक एमनेस्टी स्कीम पर सरकार कर रही विचार…

रायपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा कैट द्वारा पूर्व में दिए गए प्रस्ताव की जीएसटी में नई कर प्रणाली होने के कारण अनेक प्रकार के कर विवाद हैं जिनकी निपटाने के लिए कैट ने एक एमनेस्टी योजना देने की माँग की थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार जीएसटी कर विवाद निपटान योजना पर विचार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा व्यवसायों को विवादास्पद जीएसटी कर मामलों को निपटाने के लिए एक बार का अवसर प्रदान करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है ।

कैट के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने कहा कि कैट केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को इस पहल के लिए उनका धन्यवाद देता है । यह कदम जीएसटी के अंतर्गत अनावश्यक मुकदमेबाजी को समापत कर व्यापारियों को राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा तथा निश्चित रूप से ईमानदार एवं कर पालन करने वाले व्यापारियों को जिन्होंने किसी न किसी कारण से अनजाने में या कंप्यूटर सिस्टम में गड़बड़ियों के कारण गलतियां की थी, को बिना वजह के विवादों अथवा मुकदमेबाजी से बचाएगा । इस तरह के कदम से अनावश्यक मुकदमों का अंत भी होगा और अदालतों पर बोझ भी बड़ी मात्रा में दूर होगा ।

श्री पारवानी एवं दोशी ने आगे कहा कि सरकार का कदम यह निश्चित रूप से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ-सबका विश्वास जैसे मूलमंत्र एवं इज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस के लक्ष्य को प्रोत्साहित करेगा। जीएसटी सरकार और व्यापारियों दोनों के लिए एक नई कराधान प्रणाली है और पिछले पांच वर्षों में नई कर प्रणाली होने के कारण इस तरहकी वास्तविक गलतियाँ और चूक होना स्वाभाविक है और इस दृष्टि से कर विवादों को निबटाने के लिए एकमुश्त माफी योजना कानून का पालन करने वाले व्यापारियों को बड़ी मदद प्रदान करेगी। हालांकि, इरादतन चूककर्ताओं और आदतन कर वंचना करने वाले व्यक्तियों को इस योजना ले लाभ से बाहर रखा जाना चाहिए क्योंकि कैट अथवा कोई भी व्यक्ति व्यवसाय करने के संबंध में किसी भी व्यक्ति के दुर्भावनापूर्ण इरादों या कार्य का समर्थन नहीं कर सकता है। कैट ने इसी आधार पर वैट कर प्रणाली के पेंडिंग मामलों को निपटाने के लिये एक एमनेस्टी स्कीम देने की भी माँग की है।

 

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