पी.पी.पी. मॉडल से महाविद्यालय संचालित होने से भाजपा को पीड़ा क्यों – आर.पी.सिंह

0 पी.पी.पी. मॉडल पर भाजपा झूठ बोल रही है

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा कि भाजपा प्रवक्ता अजय चंद्रकार का बयान उपर्युक्त टिप्पणी पूर्णत असत्य है। प्रदेश में पी.पी.पी. मॉडल पर आरंभ किये जाने वाले महाविद्यालय प्रदेश के लिये एक नवाचार है। पूर्व में इस प्रकार की कोई योजना लागू नही हुआ है और न ही कोई निजी महाविद्यालय इस योजना दी गई व्यव्स्था की तरह संचालित हो रहे है। मध्यप्रदेश अशासकीय महाविद्यालय और संस्था (स्थापना एंव विनियमन) अधिनियम के अनुसार प्रदेश में कुल 12 निजी महाविद्यालियों को शत प्रतिशत नियमित अनुदान के तहत संचालित किया जा रहा है।ै छत्तीसगढ़ राज्य गठन के उपरांत चार निजी महाविद्यालयो को छत्तीसगढ़ अशासकीय महाविद्यालय और संस्था स्थापना एवं विनियमन अधिनियम 2006 के तहत कैबिनेट के द्वारा मंजूरी दी तब जाकर 50 प्रतिशत स्थापना अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इस अधिनियम के तहत तीन वर्ष में एक बार तदर्थ अनुदान अधिकतम रूपये 5 लाख भवन विस्तार फर्नीचर, उपकरण क्रय हेतु अनुदान प्राप्त करने के लिये निजी महाविद्यालयो द्वारा आवेदन किया जा सकता है। जिसके तहत उपयुक्ता के आधार पर अनुदान स्वीकृत किया जाता है।

प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा कि अशासकीय महाविद्यालय और संस्था स्थापना एवं विनियमन अधिनियम 2006 के आधार पर उपर्युक्त अनुदान केवल उन्ही निजी महाविद्यालयों को प्रदान की जाती है। जिनका संचालन न्यून्तम 10 वर्ष पूर्ण हो चुका है। किन्तु प्रस्तावित पी.पी.पी. मॉडल में यह व्यवस्था प्रारंभ स्थिति से उभरने के लिये तथा उच्च शिक्षा के सर्वांगिण विकास में पी.पी.पी. मॉडल का क्रियान्वयन करने हेतु इस मॉडल को प्रस्तावित किया गया है। जिससे दुर्गम क्षेत्रों में भी छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त हो सके। पी.पी.पी. मॉडल में सार्वजनिक एवं निजी साझेदारी के तहत खोले जाने वाले महाविद्यालयों को दी जाने वाली निश्चित पूंजी निवेश पर अधिकतम सब्सिडी रूपये 2.50 करोड़ एंव रूपये 1.75 करोड़ सब्सिडी क्रमशः अति पिछड़ा क्षेत्र एवं पिछड़ा क्षेत्र में स्थापित महाविद्यालयों को दिया जायेगा। इसके लिये कम से कम 10 एकड़ की भूमि 30 वर्ष की लीज पर 50 प्रतिशत रियायती दर से शासन द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। भूमि का उपयोग अन्य प्रायोजनों के लिये नही किया जायेगा। लीज की अवधि समाप्ति होने पर दोनो पक्षों की सहमति से लीज की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। अद्योसंरचना निर्माण हेतु ली गई अधिकतम 5.00 करोड़ की ऋण की राशि का 50 प्रतिशत भुगतान शासन द्वारा किया जायेगा। समस्त पाठयक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को राज्य शासन द्वारा देय छात्रवृति प्रदान की जावेगी। महाविद्यालयों को समस्त शैक्षणिक स्टाफ एवं कर्मचारियों की वेतन व्यवस्था स्वयं के द्वारा करना होगा। राज्य शासन द्वारा इस प्रायोजन हेतु कुल स्थापना पर व्यय का अधिकतम राशि रूपये 2.00 करोड़ पर 20 प्रतिशत एवं 30 प्रतिशत व्यय भार क्रमशः पिछड़ा क्षेत्र एवं अति पिछड़ा क्षेत्र में स्थापित महाविद्यालय को स्थापना अनुदान के रूप में दिया जायेगा। एनएएसी द्वारा A++,A+या A ग्रेड प्राप्त करने वाले महाविद्यालयों को रूपये 151000 प्रोत्साहन राशि एवं प्रमाण पत्र राज्य शासन द्वारा प्रदान किया जायेगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *