भाजपा छत्तीसगढ़ में राजनैतिक गिद्ध बन चुकी है – कांग्रेस

0 पिता की हत्या से आत्मग्लानिवश आत्महत्या करने वाले पर भाजपा राजनीति कर रही

0 15 साल में 12397 किसानों ने आत्महत्या किया था तब भाजपाई चुप रहते थे

रायपुर। अभनपुर के आमदी गांव में एक व्यक्ति की आत्म हत्या पर भाजपा द्वारा किये गये प्रेस कान्फ्रेस का जवाब देते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ में राजनैतिक गिद्ध बन चुकी है। वह इंतजार करते रहते है कि कब किसी की मौत हो और वह उस पर बयानबाजी कर राजनैतिक रोटी सेक सके। आमदी के जिस पवन निषाद की मौत पर भाजपाई सवाल खड़ा कर रहे उस पवन निषाद ने आत्महत्य किया था तथा उसके ऊपर अपने पिता की हत्या के आरोप थे। उसने अपने आत्म ग्लानिवश आत्म हत्या किया था। इस बात को उसने अपने सुसाईड नोट मे भी स्वीकार किया है। मुद्दा विहीन भाजपाई इस पर स्तरहीन राजनीति कर रहे है। भाजपा दो पूर्वमंत्री, विधायक, पूर्व विधायक इस मामले पर पत्रकारवार्ता कर रहे है यह भाजपा की राजनैतिक स्थिति है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन राज के दौरान 1 जनवरी 2004 से 1 जनवरी 2019 अर्थात भाजपा के शासनकाल के 15 साल में 12937 किसानों ने आत्महत्या किया था। तब तो भाजपा ने कभी न्यायिक जांच की मांग नहीं किया। मृतकों के लिये मुआवजा की मांग का भाजपाई विरोध करते थे। छत्तीसगढ़ में किसान आत्महत्या का दौर भाजपा सरकार के साथ ही खत्म हो गया है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद खेती फायदे का सौदा है। छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज्यादा अपने किसानों को धान की कीमत 2500 देता है जो स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश से भी ज्यादा है। पिछले चार साल में कांग्रेस सरकार ने किसानों के ऊपर 1 लाख करोड़ से भी अधिक खर्च किया है जिसकी रमन राज में कोई कल्पना भी नहीं किया था। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष 110 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य है निर्धारित किया है। मक्का, उड़द, मूंग के साथ गौड अन्न रागी, कोदो कुटकी की समर्थन मूल्य में खरीदी की जा रही गन्ना सहित हर प्रकार अन्न उत्पादक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से साल में चार बार प्रति एकड़ 9000 रू. की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का अकेला राज्य है जहां किसानों के साथ खेती काम करने वाले कृषि मजदूरों को भी 7000 रू. की सहायता दी जा रही है। राज्य में ग्रामीण व्यवस्था से जुड़े हर व्यक्ति के लिये प्रभावी सहायता योजना है। गोधन न्याय योजना में चरवाहे गोपालक और सामान्य गोबर बिनने वाले तक के आमदनी सुनिश्चित करने की योजना बनाई गयी है। इनका लाभ राज्य के आम आदमी को मिल रहा है। भाजपाई अपने गिद्धवाला आचरण बंद करें।

 

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