(साधुराम दुल्हानी)
जगदलपुर। बस्तर जिले का जैव-विविधता एवं प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान वर्षाकाल के उपरांत 15 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खेल दिया जायेगा। पर्यटक कांगेर घाटी में जिप्सी सफारी से कोटमसर गुफा और कांगेर धारा के अलावा कैलाश गुफा, दंडक गुफा और झीलों का भ्रमण कर सकेंगे। घाटी में पहली बार इतने स्थलों के भ्रमण जिप्सी से कराया जा रहा है। गौरतलब है कि अभी तक कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को कोटमसर गुफा और कांगेर धारा के लिए जिप्सी सफारी उपलब्ध करा रहा था, अब पर्यटक कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में संचालित जिप्सी सफारी के माध्यम से कांगेर धारा एवं कोटमसर गुफा के साथ-साथ आगामी सत्र से पर्यटक घाटी के कई अन्य जगहों का भ्रमण कर सकेंगे। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन इसके भ्रमण हेतु जिप्सी सफारी के संशोधित दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के संचालक धम्मशील गनवीर ने बताया कि 15 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए कांगेर घाटी खोल दिये जायेंगे, अभी तक पर्यटक सिर्फ तीरथगढ़ ही देख पा रहे थे। यहां संचालित होने वाले जिप्सी सफारी के माध्यम से पर्यटक अब कैलाश गुफा, कोटमसर गुफा, दंडक गुफा, झील जैसे स्थलों का भ्रमण कर जैवविविधता एवं प्राकृतिक सुंदरता देख पाएंगे। उद्यान में आने वाले पर्यटकों को जैव-विविधता के सूक्ष्म जानकारी देने हेतु नए प्रयास भी किये जा रहे हैं। इसके तहत जिप्सी सफारी में अब प्रशिक्षित गाइड भी पर्यटक के साथ होंगे, जो आसपास की वन्य जीव जंतुओं और पेड़ पौधों अथवा वनस्पतियों की जानकारी देंगे। इससे राष्ट्रीय उद्यान के आस-पास के ग्रामीण युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।