साधुराम दुल्हानी
कांकेर। जिले के अंतागढ़ के रावण भाटा में दशहरा पर्व मनाए जाने की सदियों पुरानी परंपरा आज भी पारंपरिक रूप में जारी है, मिली जानकारी के अनुसार सदियों पहले जगदलपुर राजपरिवार के पूर्वजों द्वारा मां दंतेश्वरी के छत्र दिए जाने के बाद अंतागढ़ में प्रारंभ हुआ था। जिसमें अंतागढ़ के दीवान परिवार द्वारा माता दंतेश्वरी के छत्र से रावण का वध कर अंतागढ़ दशहरा मनाने की परंपरा का निर्वहन किया। अंतागढ़ दशहरा पर्व में क्षेत्र के गायता, पटेल के साथ ही क्षेत्र के विधायक अनूप नाग शामिल हुए। प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी समय क्षेत्र के गायता पटेल मांझी और ग्राम प्रमुख, जगदलपुर में होने वाले दशहरा पर्व में शामिल होने जाया करते थे, आवागमन के साधनों के अभाव में पैदल ही जगदलपुर जाना होता था। ऐसी स्थिति में महाराजा प्रवीर चंद्र भंजदेव के पूर्वजों द्वारा अंतागढ़ के दीवान परिवार को माई दंतेश्वरी का छत्र दिया गया। माई दंतेश्वरी के छत्र के मिलने के बाद सालों से अंतागढ़ में आज भी उसी परंपरानुसार अंतागढ़ में दशहरा पर्व मनाया जाता है।